भोपाल । टीबी बीमारी के अब नए वेरिएंट सामने आ रहे है। अब टीबी फेफड़ों के अलावा पेट की आंतों, हड्डियों व गले को चपेट में ले रही है। यह खुलासा डाक्टरों के पास इलाज कराने आ रहे मरीजों की जांच के बाद हुआ। डाक्टरों के अनुसार 2 सालों से कोरोना संक्रमण के चलते प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की वजह से टीबी की बीमारी न सिर्फ फिर से सिर उठाने लगी है बल्कि यह नए रूप में शरीर के अन्य अंगों में उभरने लगी है।
सरकार पूरे देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने के लिए टीबी मरीजों पर हर साल करोड़ों रूपये खर्च कर रही है। इसके अच्छे परिणाम भी नजर आने लगे है, मगर कोरोना संक्रमण के चलते टीबी के जो नया वेरियंट सामने आया है उसने डाक्टरों को हैरानी में डाल दिया है।
40 प्रतिशत लोगों मे टीबी के साइलेंट वैक्टीरिया
चिकित्सकों के अनुसार मप्र ही नहीं बल्कि देश में 40 प्रतिशत लोगों में टीबी के साइलेंट वैक्टीरिया मौजूद है। जो प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने की वजह से सुसुप्त अवस्था रहते हंै। मगर जैसे ही इम्युनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है तो यह वैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हंै। पिछले 2 सालों से कोरोना संक्रमण के चलते सैंकड़ों लोगों में डाइबिटीज हो गयी है। जिसके चलते इम्युनिटी कमजोर हो चुकी है। इसी वजह से कई लोग टीबी की चपेट में आ रहे हंै। अब टीबी सिर्फ फेफड़ों में ही नहीं बल्कि गले में गठान बन कर उभर रही है, तो किसी की पेट की आंतो को चपेट में ले रही है। इसकी वजह से मरीज को भूख नहीं लगती है और पेट दर्द होता रहता है। लूज मोशन होने लगते हैं। हड्डियों के जोड़ों में हमेशा दर्द बना रहता है। यह सब टीबी के नए वेरिएंट के लक्षण हंै।