पटना । दो दिग्गज जब आपस में मिले तो सियासी कयासबाजी लगना स्वाभाविक होता है। बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार और राजनीतिक रणनीतिकार पीके उर्फ प्रशांत किशोर की दिल्ली में मुलाकात हुई। इस भेंट की पुष्टि नीतीश कुमार ने दिल्ली में स्वयं की है। नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशांत से आज का नहीं, बल्कि पुराना रिश्ता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मुलाकात का कोई खास मतलब नहीं है। वहीं, प्रशांत किशोर ने इस मुलाकात के बारे में कहा है कि ये शिष्टाचार के तहत मुलाकात थी।
क्योंकि, जब नीतीश कुमार को पिछले महीने कोरोना हुआ था, तब उनसे हाल-चाल लेने के लिए बातचीत हुई थी। बस उनसे मिलकर उनके स्वास्थ्य के बारे में बातचीत हुई। प्रशांत किशोर का कहना है कि इस मुलाकात के लिए नीतीश कुमार ने इच्छा प्रकट की। राजनीति से इसका कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन नीतीश कुमार ने जैसे इस मुलाकात को सार्वजनिक किया है, इससे साफ है कि वो फिलहाल भाजपा की तरफ से हर मुद्दे पर आक्रामक रवैये के कारण एक संदेश भी भेजना चाहते हैं।
नीतीश के नजदीकियों की माने तो प्रशांत किशोर के लिए जनता दल यूनाइटेड में कोई जगह फिलहाल तो नहीं है, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में पहले के मुकाबले कम सीटें जीतने के बाद सबने उनकी कमी महसूस अवश्य की थी कि अगर वो साथ होते तो शायद तीसरे नम्बर की पार्टी जनता दल यूनाइटेड नहीं होती। वहीं प्रशांत किशोर भाजपा विरोध में आज की तारीख में जितना आगे तक निकल आए हैं, ऐसे में आज नीतीश कुमार के साथ जाना उनके लिए कहीं राजनीतिक जीवन की भूल न साबित हो। हालांकि, प्रशांत किशोर ने हाल ही में दिए कई इंटरव्यू में इस बात को माना है कि अगर कोई एक राजनेता, जिनके साथ वो एक बार फिर काम करना चाहेंगे तो उनमें नीतीश कुमार उनकी पहली पसंद हैं।