अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की डायरेक्टर किम्बर्ली चीटल ने माना है कि वह और उनकी एजेंसी अपना काम ठीक से करने में असफल रहीं। 13 जुलाई को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रम्प पर जानलेवा हमला हुआ था। इस हमले के बाद से सीक्रेट सर्विस पर अपनी जिम्मेदारी ठीक से न निभाने के आरोप लग रहे हैं।
इसी सिलसिले में सीक्रेट सर्विस की डायरेक्टर चीटल सोमवार को संसद में पेश हुईं। चीटल ने कांग्रेस के सामने कहा कि वह सीक्रेट सर्विस की डायरेक्टर के रूप में सुरक्षा में हुई चूक की पूरी जिम्मेदारी ले रही हैं। इस दौरान चीटल ने ये भी कहा कि उनके पास स्टाफ्स की भी कमी है।
चीटल ने कहा- जहां से गोली चली वहां हमारे एजेंट्स नहीं थे
चीटल ने कहा कि 13 जुलाई को ट्रम्प पर हुआ हमला हाल के दशकों में सीक्रेट सर्विस की सबसे बड़ी विफलता है। ट्रम्प के ऊपर हमलावर ने जिस वेयर हाउस की छत से गोली चलाई थी, उसे सीक्रेट सर्विस ने सिक्योरिटी जोन में शामिल नहीं किया था। ये वेयर हाउस ट्रम्प के मंच से सिर्फ 400 फीट की दूरी पर था।
चीटल से जब पूछा गया कि सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स वहां पर तैनात क्यों नहीं थे, इस पर उन्होंने कुछ नहीं बताया। चीटल ने चल रही जांच का हवाला देते हुए इससे जुड़ी और अधिक जानकारी देने के इनकार कर दिया।
जॉर्जिया की प्रतिनिधि मार्जोरी टेलर ग्रीन और अन्य रिपब्लिकनों ने पूछा कि जिस जगह से गोलियां चलीं उस छत पर कोई सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं था? इस पर चीटल ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। चीटल ने कहा कि उनका मानना है कि हमले वाले दिन ट्रम्प की सुरक्षा के लिए जरूरी एजेंट्स तैनात किए गए थे।
चीटल बोलीं- हमारे पास स्टाफ्स की कमी
चीटल ने माना कि ट्रम्प की रैली में मंच पर आने से पहले ही बंदूकधारी की पहचान संदिग्ध के रूप में कर ली गई थी। इसके बाद चीटल से सवाल किया गया कि जब उन्हें संदिग्ध के होने का पता चला तो ट्रम्प को मंच पर आने की अनुमति क्यों दी गई? इस पर उन्होंने कहा कि सुरक्षार्मियों ने उसे खतरा नहीं माना क्योंकि उसे हथियार ले जाते हुए नहीं देखा गया था।
चीटल ने बताया कि हमलावर की पहचान उसके पास मौजूद राइफल पर लगे ट्रेसिंग सिस्टम के जरिए की गई। चीटल ने संसद में ये कहा कि सीक्रेट सर्विस में लगभग 8,000 एजेंट्स हैं, लेकिन अपने ठीक से काम करने के लिए उन्हें 9,500 एजेंट्स की जरुरत है।