नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि राज्यपाल के संबोधन के समय घटने वाली कुछ घटनाओं तथा कुछ संस्थानों में होने वाली हिंसा से पूरी तरह से बचा जाना चाहिए क्योंकि ऐसी चीजे लोकतंत्र को कमजोर बनाती हैं और लोगों का मोहभंग होता है।
वेंकैया नायडू ने कहा कि लोकतंत्र में अगर आप किसी सरकार को पसंद नहीं करते हैं तब आप शांतिपूर्ण ढंग और संयम के साथ विरोध कर सकते हैं तथा चुनाव का इंतजार कर सकते हैं। उन्होंने राजनीतिक दलों से जनादेश का सम्मान करने और हिंसा से बचने का आग्रह किया। उपराष्ट्रपति राजभवन में दरबार हॉल का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे।
इसमें राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लै और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत आदि मौजूद थे। वेंकैया नायडू का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही विधायकों की नारेबाजी के कारण महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी मुम्बई में विधान भवन के केंद्रीय हॉल में विधानमंडल के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र के संबोधन को पूरा किये बिना चले गए थे। बुधवार को गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भी अपना संबोधन संक्षिप्त कर दिया था।