भोपाल । मकर संक्रांति का पर्व आज प्रदेश भर में श्रदधालुओं ने प्रात:काल तीर्थ स्थलों में पहुंचकर स्नान करने के बाद पूजन किया तथा यथा योग्य दान भी दिया। मकर संक्रांति का पर्व इस साल दो दिन मनाया जाएगा।। इस बार यह पर्व 14 जनवरी से प्रारंभ होकर 15 जनवरी की दोपहर तक रहेगा। इस बार 14 जनवरी की रात 8:39 बजे से सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा, तब तक सूर्यास्त हो चुका होगा।
विशेष पुण्यकाल अगले दिन 15 जनवरी की दोपहर तक रहेगा। इस कारण मकर संक्रांति आज के अलावा कल शनिवार को भी मनाई जाएगी। वहीं कोरोना महामारी के कारण राजधानी में इस बार पतंगोत्सव के कार्यक्रम नहीं होंगे। राजधानी के ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मकर संक्रांति की शुरुआत रोहिणी नक्षत्र में हो रही है। इस नक्षत्र को शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस नक्षत्र में स्नान दान और पूजन करना विशेष फलदायी होता है।
एक माह सूर्य धनु राशि में भ्रमण करते हैं, उनका यह भ्रमण काल मलमास के रूप में भी जाना जाता है। इस भ्रमण काल के दौरान उनकी किरणें पृथ्वी पर स्थित समस्त लोगों पर पड़ती हैं। इनसे शुद्धि पाने के लिए लोग मकर संक्रांति पर किसी पवित्र सरोवर में स्नान करते हैं। मकर संक्रांति पर स्नान करने से पूर्व तिल को शरीर पर मलने का विधान है, जिससे शनि संबंधी समस्त परेशानियों का निवारण होता है।
इस दिन तिल एवं गुड़ से बनी हुई मिठाइयां खाने का विधान है। बता दें कि इस बार कोरोना संक्रमण के प्रसार के चलते मकर संक्रांति पर्व पर मंदिरों में बड़े कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं। पुराने शहर के इब्राहिमपुरा के राधा वल्लभ मंदिर में खिचड़ी उत्सव चल रहा है।
वहीं श्री बड़वाले महादेव मंदिर, मुक्तेश्वर महादेव मंदिर छोला सहित शहर के अन्य मंदिरों में बड़े आयोजन नही हुए । कोलार मंदाकिनी दशहरा मैदान पर आलौकिक समिति द्वारा आयोजित पतंगोत्सव कार्यक्रम कोरोना के कारण निरस्त कर दिया गया है। वहीं छोला, भेल सहित अन्य स्थानों मकर संक्रांति पर्व पर होने वाले पतंगोत्सव कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं। कालोनियों में जरूर बच्चे पतंगें उड़ाते हुए दिखेंगे।