गौरतलब है कि यदि उप संचालक कृषि की बात मान लें तो किसानों की कोदो की फसल खेत में खड़ी थी और खड़ी फसल में कभी फंगस नहीं लगती है। इससे लगता है कि हाथी किसी अन्य घटना के शिकार हुए और उनकी मौत हुई। वहीं, वन विभाग अपनी कमी छिपाने के लिए आनन फानन में किसानों की खड़ी फसल को जोतवा कर जलवा दिया। ताकि कोई साक्ष्य ही नहीं बचे और पीएम के मोटे अनाज को बढ़ावा देने के सपने को चकनाचूर कर दिया।