मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गौवंश के संरक्षण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार गौ संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ेगी और अपने साथ-साथ इन प्रयासों में समाज को भी जोड़ेगी। उन्होंने गौशालाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत बताते हुए इस दिशा में समाज से भी आगे आने का आव्हान किया। श्री चौहान ने कहा कि गोबर और गौमूत्र से बने उत्पादों का इस्तेमाल कर गौशालाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने में मदद की जा सकती हैं।
श्री चौहान आज यहां तिलवाराघाट स्थित दयोदय गौशाला तीर्थ में आचार्य श्री विद्यासागर जीवदया गौसेवा सम्मान योजना के अंतर्गत गौ संरक्षण और गौ सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले संस्थानों एवं व्यक्तियों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
समारोह में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद जी महाराज, विधायक श्रीमती नंदिनी मरावी एवं ब्रह्मचारी विनय भैय्या भी मंचासीन थे। मुख्यमंत्री ने समारोह के पहले संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन किये तथा श्रीफल भेंटकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गौसेवा सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आचार्य श्री के जन्म दिवस पर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर वे धन्य हो गये हैं। उन्होंने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर ज्ञान एवं करूणा के सागर हैं और सही मायने में वे राष्ट्रसंत हैं। आचार्य श्री केवल जैन धर्म के ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के संत हैं। उन जैसों संतों की वजह से ही हम भारतीय मूल्यों, परंपराओं को बचाने में कामयाब रहे हैं।
श्री चौहान ने दयोदय गौशाला तीर्थ में आचार्य श्री विद्यासागर जी की प्रेरणा से चल रहे विभिन्न प्रकल्पों का उल्लेख करते हुए कहा कि एक तरफ चल चरखा हथकरघा केन्द्र के माध्यम से कई लोग स्वालंबन की राह पर चल रहे हैं, वहीं प्रतिभा स्थली विद्यालय के माध्यम से यहां भारतीय मूल्यों, परंपराओं के साथ-साथ अपने पैरों पर खड़े होने की और टेलेन्ट के प्रकटीकरण की शिक्षा भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने दयोदय गौशाला तीर्थ में संचालित गौशाला की चर्चा करते हुए कहा कि यहां गौवंश के संरक्षण के आचार्य विद्यासागर जी जो काम कर रहे हैं वो सचमुच में अदभुत है। इसी से प्रेरित होकर सरकार ने आचार्य श्री के नाम पर जीव दया पुरस्कार प्रारंभ किया है।
मुख्यमंत्री ने समारोह में गौसंरक्षण और गौवंश के संवर्धन की दिशा में किये जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में वर्तमान में करीब साढ़े तीन हजार गौशालाओं का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गौसंरक्षण और संवर्धन के कार्य के लिए सरकार ने गौपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड का गठन भी किया है। मुख्यमंत्री ने बोर्ड के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद जी की राय से सहमति व्यक्त करते हुए समाज के सभी लोगों से गौ सेवा के लिए अपनी ओर से योगदान देने का आग्रह भी किया।
समारोह को गोपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद जी महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश शासन गौ संरक्षण और संवर्धन की नीति के अनुरूप प्रदेश में अनेक प्रकार के गौ सेवा केन्द्र खोले जा रहे हैं। स्वामी अखिलेश्वरानंद जी ने कहा कि सड़कों पर जो गौवंश निराश्रित और बेसहारा होकर भटक रहा है, उस गौवंश को गौशालाओं में पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने सरकार द्वारा किये जा रहे गौ संरक्षण और गौवंश के संवर्धन के कार्य में समाज की सहभागिता पर बल देते हुए कहा कि गौ ग्रास के लिए समाज के हर व्यक्ति को अपनी तरफ से योगदान देना होगा। समारोह को ब्रह्मचारी नीरज दीदी ने भी संबोधित किया तथा आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की प्रेरणा से दयोदय गौशाला तीर्थ में चलाये जा रहे विभिन्न प्रकल्पों पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री ने किया गौ
सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाले संस्थानों
और व्यक्तियों को पुरस्कार प्रदान
कर सम्मान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने समारोह में मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित आचार्य विद्यासागर जीवदया गौसेवा सम्मान योजना के तहत गौ संरक्षण और गौ सेवा के क्षेत्र में वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थागत श्रेणी के पुरस्कार प्रदान किये। समारोह में गौ संरक्षण एवं गौ सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये वर्ष 2018-19 का संस्थागत श्रेणी का प्रथम पुरस्कार आचार्य विद्यासागर गौ संवर्द्धन केन्द्र लेहरदा जिला सागर को, तृतीय पुरस्कार दयोदय पशु सेवा केन्द्र अशोकनगर को तथा श्री गोपाल गौशाला कचनारिया जिला उज्जैन, श्री राज राजेश्वरी गौशाला गोटेगांव जिला नरसिंहपुर, गौवंश रक्षण समिति वारासिवनी जिला बालाघाट एवं त्रिवेणी गौशाला झगडिया जिला बैतूल को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
गौसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये वर्ष 2018-19 में व्यक्तिगत श्रेणी का प्रथम पुरस्कार श्री सूरज सोनी (गौपुत्र) सागर, द्वितीय पुरस्कार श्री एसके उपाध्याय रीवा एवं तृतीय पुरस्कार श्री ज्ञानचंद जैन पन्ना को प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा वर्ष 2019-20 में गौ संरक्षण और गौसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये दिये गये पुरस्कारों में संस्थागत श्रेणी में प्रथम पुरस्कार बाहुवली जीव रक्षा संस्थान मेघासिवनी जिला छिंदवाड़ा एवं द्वितीय पुरस्कार श्रीराम गौ संवर्द्धन गौशाला बिरकुनिया जिला सिंगरौली को प्रदान किया। जबकि शीतला माता गौसेवा समिति उज्जैन, श्रीगणेश गौशाला आगर मालवा एवं श्रीमद भागवत गौशाला कनाडिया जिला इंदौर को इस श्रेणी का सांत्वना पुरस्कार मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदान किया। गौ संरक्षण और गौसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये वर्ष 2019-20 के व्यक्तिगत श्रेणी के पुरस्कारों में स्वामी श्री ऋषभ देवानंद जी ग्वालियर को प्रथम, श्री पवन राजपूत हटा जिला दमोह को द्वितीय तथा डॉ. श्वेता सिंह मरावी मण्डला को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने संबोधन में पुरस्कार प्राप्त करने वाले संस्थानों एवं व्यक्तियों को बधाई दी एवं शुभकामनायें भी दीं।
उन्होंने कहा कि गौ संरक्षण और गौ सेवा में क्षेत्र में किये जा रहे इनके कार्यों से दूसरे भी प्रेरित होंगे। आचार्य विद्यासागर जीवदया गौसेवा सम्मान योजना के तहत गौ संरक्षण और गौसेवा के उत्कृष्ट कार्यों के लिये संस्थागत श्रेणी के प्रथम पुरस्कार के रूप में 5 लाख रूपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 3 लाख रूपये, तृतीय पुरस्कार के रूप में 2 लाख रूपये तथा सांत्वना पुरस्कार के रूप में प्रत्येक को 50-50 हजार रूपये की राशि प्रदान की जाती है। इसी तरह व्यक्तिगत श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख रूपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 50 हजार रूपये एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में 20 हजार रूपये की राशि एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।