भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्पीड दूसरी लहर की अपेक्षा चार गुना ज्यादा है। दूसरी लहर में प्रदेश में कोरोना के केस 12 दिन में दोगुने आ रहे थे। वहीं तीसरी लहर में ये 3 दिन में डबल हो रहे हैं। ऐसा दूसरी लहर के मुकाबले कोविड की इनफेक्टिसिटी रेट ज्यादा होने की वजह से है। यह रेट अब तक का सबसे तेज माना जा रहा है। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य संचालनालय की इंट्रिग्रेटेड डिसिस सर्विलांस प्रोग्राम यानी आईडीएसपी शाखा की रिपोर्ट में हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में कोरोना के 18,084 एक्टिव मरीज हैं। सर्वाधिक 31 प्रतिशत केस अकेले इंदौर में हैं। यहां 7 दिन में 66 हजार 520 लोगों ने कोरोना की जांच कराई, इनमें से 5,689 कोविड संक्रमित निकले। प्रदेश के कुल कोविड एक्टिव मरीजों में भोपाल में 19 प्रतिशत, ग्वालियर में 12 प्रतिशत, जबलपुर में 7 प्रतिशत और उज्जैन में 4 प्रतिशत केस हैं। शेष 27 प्रतिशत मरीज प्रदेश के दूसरे जिलों में मिले हैं।
खतरनाक डबलिंग रेट
तीसरी लहर में 30 दिसंबर 2021 से 13 जनवरी 2022 के डेटा का एनालिसिस किया गया। इसमें 30 दिसंबर 2021 को मात्र 72 मरीज मिले थे। 3 जनवरी को यह संख्या 221 हो गई। 7 जनवरी को 1320 संक्रमित मिले। 11 जनवरी को 3160 केस मिलने लगे। दूसरी लहर में 24 मार्च से 7 अप्रैल 2021 का डेटा एनालिसिस किया गया। तो उससे तुलना करने पर पता चला कि तब 24 मार्च को 1712 केस मिले थे। 5 अप्रैल को 3398 केस मिले।
33 मरीज लड़ रहे कोरोना से जिंदगी की जंग
प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के आईसीयू और हाई डिपेंडेंसी यूनिट में भर्ती 33 मरीज कोरोना से जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। इन कोविड संक्रमितों की हालत गंभीर होने के कारण आईसीयू और हाई डिपेंडेंसी यूनिट में भर्ती किया गया है। इसके अलावा कोरोना के 12 संदिग्ध मरीज भी आईसीयू और हाई डिपेंडेंसी यूनिट में भर्ती हैं। इन सभी की कोरोना सैंपल जांच रिपोर्ट गुरुवार रात तक लैब से नहीं आई थी।
7 दिन में 2500 से ज्यादा मरीज ठीक, 4 की मौत
कोरोना से पिछले सात दिन में 4 मरीजों की मौत हुई है। 2 मरीजों की मौत भोपाल और जबलपुर, ग्वालियर में एक कोविड संक्रमित मरीज की मौत हुई है। इस रिपोर्ट में आईडीएसपी ने सागर में कोरोना से जान गंवाने वाले दो मरीजों की मौत को शामिल नहीं किया है। रिपोर्ट के मुताबिक 2892 इस दौरान कोरोना से ठीक हुए हैं।