रियाज जैसे खिलाड़ी अब मजबूरी में छोटा-मोटा काम करने को मजबूर हैं। यह स्थिति खेलों के भविष्य के लिए चिंताजनक है। सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है। देश के नायकों का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्हें उनकी मेहनत का फल मिलना चाहिए। रियाज की कहानी एक उदाहरण है कि कैसे सिस्टम की नाकामी प्रतिभाशाली लोगों को बर्बाद कर देती है। हमें ऐसे सिस्टम को बदलने की जरूरत है। ताकि हर किसी को अपनी प्रतिभा दिखाने और आगे बढ़ने का मौका मिले। रियाज जैसे कई और खिलाड़ी होंगे जो इसी तरह की समस्याओं से जूझ रहे होंगे। सरकार को उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए।
यहां बताना जरूरी है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान खुद क्रिकेटर रहे। उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने 1992 में वनडे विश्व कप का खिताब जीता था। यह पहला मौका था जब पाकिस्तान ने कोई आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की थी। उसके बाद से आज तक वह वनडे विश्व कप का खिताब नहीं जीत सका है।
यहां बताना जरूरी है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान खुद क्रिकेटर रहे। उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने 1992 में वनडे विश्व कप का खिताब जीता था। यह पहला मौका था जब पाकिस्तान ने कोई आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की थी। उसके बाद से आज तक वह वनडे विश्व कप का खिताब नहीं जीत सका है।