नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हरित ऊर्जा गलियारे के दूसरे चरण के लिए 12,000 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की। इसका इस्तेमाल सात राज्यों में ग्रिड एकीकरण और करीब 20,000 मेगावॉट क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से उत्पादित बिजली के पारेषण में किया जाएगा।
इस योजना के तहत 10,750 सर्किट किलोमीटर की बिजली पारेषण लाइन बिछाने और बिजली उपकेंद्रों के करीब 27,500 मेगा वोल्ट-एम्पीयर अंतरण का लक्ष्य रखा गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल के इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि हरित ऊर्जा गलियारे के दूसरे चरण का क्रियान्वयन वर्ष 2021-22 से लेकर 2025-26 के दौरान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस योजना में किए जाने वाले कुल निवेश का 33 फीसदी केंद्रीय मदद के रूप में है। ठाकुर ने कहा कि इस योजना के पहले चरण का करीब 80 फीसदी कार्य पूरा किया जा चुका है। पहले चरण के लिए 10,142 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।