भोपाल । मध्य प्रदेश में आयुष्मान योजना के तीन वर्ष पूरे हो गए हैं। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 सितम्बर 2018 को आयुष्मान भारत निरामयम् मध्यप्रदेश योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत 20 सितम्बर 2021 तक 2.54 करोड़ लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं । योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए वर्तमान में प्रदेश में आपके द्वार आयुष्मान 2.0 अभियान चलाया जा रहा है। योजना के तहत प्रदेश के 4.7 करोड़ लाभार्थियों को योजना में शामिल किया जाएगा। वहीं फर्जी कार्ड को लेकर पूछे सवाल के जवाब में कहा कि अभी तक 1 लाख 35 हजार अपात्र कार्ड को निरस्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि अपात्र कार्ड की जांच के लिए एक टीम रैंडम कार्ड की जांच के लिए बनाई गई है। यह टीम कार्ड के अपात्र पाए जाने पर कार्ड निरस्त करने का काम करती है। अपात्रों के लाभ लेने पर वसूली की कार्रवाई को लेकर पूछे सवाल पर मंत्री ने कहा कि अभी कोई वसूली नहीं कर रहे है। हमारा लक्ष्य पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ मिले सुनिश्चित करना है। योजना के तहत प्रतिवर्ष प्रतिपात्र परिवार 5 लाख रुपए
तक का मुफ्त इलाज मिलता है।
895 सरकारी
और निजी
अस्पताल संबंद्ध
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने
बताया कि योजना के तहत 9.54 लाख उपचार
प्रक्रियाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों को नि:शुल्क दिया गया है। इस पर 1373 करोड़ रुपए
से अधिक राशि खर्च की गई है। योजना के तहत प्रदेश के 895 संबद्ध चिह्नित अस्पतालों में 440 निजी और
455 सरकारी अस्पताल है। योजना में अधिक से अधिक अस्पतालों को संबद्ध करने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।
योजना
में यह
बीमारियां शामिल
मुख्यमंत्री कोविड -19 उपचार योजना
और कोविड बाल कल्याण योजना के तहत भी नि:शुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में कोरोना, कैंसर, गुर्दा रोग, हृदय रोग,
डेंगू, चिकुनगुनिया,
मलेरिया डायलिसिस, घुटना व
कूल्हा प्रत्यारोपण, नि:संतानता, मोतियाबिंद और अन्य चिह्नित गंभीर बीमारियों का नि:शुल्क उपचार इस योजना के तहत किया जाता है।