भोपाल। मध्य प्रदेश में संचालित ‘लाड़ली बहना’ योजना के 7.59 लाख रुपये सिद्धार्थनगर (उत्तर प्रदेश) के बैंक खातों में तकनीकी त्रुटि (टेक्निकल ग्लिट्ज) के कारण जमा हो गए थे।
बैंक के उप महाप्रबंधक प्रमोद मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत सभी लाभार्थियों को नेशनल पेमेंट कॉर्पोंरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) भुगतान प्रणाली के माध्यम से राशि उनके खाते में डाली जाती है।
इसमें व्यक्तिगत हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। ऐसे में गलत डेटा फीडिंग की आशंका निराधार है। उधर, भोपाल के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की संबंधित शाखा के प्रयास से गुरुवार को यह राशि वापस भी मिल गई है।
विभाग ने लिखा था पत्र उल्लेखनीय है कि नवदुनिया ने 26 नवंबर को ‘लाड़ली बहना योजना के 7.59 लाख सिद्धार्थनगर पहुंचे’ , शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग के उप संचालक हरीश कुमार खरे ने सेंट्रल बैंक आफ इंडिया को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत कराने के लिए कहा था।
सिद्धार्थनगर में सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के प्रबंधक सुनील कुमार ने बताया कि गुरुवार को बैंक के मुंबई स्थित केंद्रीय कार्यालय ने यह रकम मध्य प्रदेश सरकार को लौटा दी। इसके बाद खातों को बहाल कर दिया गया।
यहां के जोगिया विकास क्षेत्र के हरैया गांव की गीता व उदयपुर कस्बे के आशुतोष कर पाठक का बचत खाता सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की उदयपुर शाखा में है। शनिवार को गीता के खाते में 6.92 लाख व आशुतोष के खाते में 67 हजार रुपये आ गए थे। खाताधारकों की शिकायत पर बैंक ने छानबीन कराई तो पता चला कि यह रकम मध्य सरकार के लाड़ली बहना योजना की है।