वॉशिंगटन: पृथ्वी पर पिछले साल एक आश्चर्यजनक भूकंपीय घटना देखने को मिली थी। 9 दिनों तक इससे पृथ्वी हिली थी। अब एक शोधकर्ता ने बताया कि इसके पीछे ग्रीनलैंड फजॉर्ड में बर्फ पिघलने के कारण पैदा हुई सुनामी थी। साइंटिफिक जर्नल साइंस में हाल ही में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2023 में दर्ज किए गए झटके ग्रीनलैंड के सुदूर पूर्व में डिक्सन फजॉर्ड में आगे और पीछे हिलती हुई विशाल लहरों से पैदा हुए थे। रिपोर्ट के लेखकों में से एक डेनमार्क और ग्रीनलैंड के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के क्रिस्टियन स्वेनविग ने बताया, 'इस घटना के बारे में पूरी तरह से अनोखी बात यह है कि भूकंपीय संकेत कितनी देर रहे और उनकी फ्रीक्वेंसी कितनी स्थिर रही।'
उन्होंने कहा, 'अन्य भूस्खलन और सुनामी से भी भूकंपीय संकेत निकलते हैं। लेकिन केवल कुछ घंटों के लिए और बहुत ही स्थानीय स्तर पर। लेकिन इसे वैश्विक स्तर पर पूरे अंटार्कटिक तक देखा गया।' इस घटना ने शुरू में वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया। इसे अज्ञात भूकंपीय वस्तु कहा गया, जिसका स्रोत भूस्खलन माना जा रहा था। सितंबर 2023 में 882 मिलियन क्यूबिक फीट चट्टान और बर्फ टूटकर फ्योर्ड में गिर गई।
समुद्र में उठी 650 फीट की सुनामी
इतनी विशाल चट्टान के अचानक गिरने से भूस्खलन के कारण इसके केंद्र में 650 फीट ऊंची सुनामी पैदा हो गई। यहां से लगभग 65 किमी दूर 10-12 फीट की ऊंचाई वाली सुनामी की लहरों ने एला द्वीप पर एक रिसर्च बेस को तबाह कर दिया।
वैज्ञानिक रह गए हैरान
रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों का एक समूह इस आश्चर्यजनक सिग्नल को लेकर ऑनलाइन बात कर रहे थे। टीम ने एक मॉडल बनाया जिसमें दिखाया गया कि नौ दिनों तक लहर कैसे आगे पीछे होती रही। हिक्स ने कहा, 'हमने इतने लंबे समय के लिए पानी का इतने बड़े पैमाने पर बहाव कभी नहीं देखा।' रिपोर्ट के मुताबिक चट्टान का गिरना पहाड़ के बेस पर ग्लेशियर के पतले होने के कारण हुआ। जलवायु परिवर्तन के कारण यह प्रक्रिया और भी तेज हो गए है।