मप्र में निखर रही हॉकी
भोपाल में इससे पहले ऐशबाग स्टेडियम में और मेजर ध्यानचंद में एक-एक तथा दो मैदान भारतीय खेल प्राधिकरण में है। इसके अलावा दो मैदान स्पोटर्स काम्प्लैक्स मैदान पर निर्माणाधीन हैं। देश में सबसे अधिक आधुनिक टर्फ युक्त मैदान का तमगा मप्र को पहले ही मिल चुका है। पूरे प्रदेश में ऐसे 27 से अधिक मैदान हैं। इसमें अकेले खेल विभाग के अंतर्गत 25 मैदान हैं।
हॉकी के प्रति बढ़ रहा क्रेज
यहां पर यह भी उल्लेखनीय है कि हालिया दौर में भारतीय हॉकी टीम ने लगातार दूसरी बार ओलिंपिक में पदक जीता है। इसमें हमारे प्रदेश के हॉकी प्लेयर विवेक सागर प्रसाद का विशेष योगदान है। इसके कारण मप्र में हॉकी का क्रेज बढ़ता जा रहा है। मप्र में हॉकी की पुरुष व महिला अकादमी संचालित होती है। अधिक मैदान होने से अधिक खिलाड़ी सामने आएंगे और देश में हमारा प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।
छोटे शहरों से भी आ रहे खिलाड़ी
मप्र अकादमी के मुख्य कोच समीर दाद ने बताया कि अधिक मैदान होना मप्र में हॉकी के लिए बेहतर साबित हो रहा है। छोटे-छोटे शहरों से खिलाड़ी मिल रहे हैं। खेल संचालक डॉ. रवि कुमार गुप्ता ने कहा कि हॉकी का क्रेज बढ़ रहा है। हॉकी टर्फ के लिए जिलों से डिमांड आ रही है। भोपाल में अधिक मैदान होने से हम बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी आसानी से कर सकते है। इससे नवोदित खिलाड़ियों को भी बेहतर मौके मिलेंगे।
यह है विशेषता
मप्र पुरुष हॉकी अकादमी में अभ्यास के लिए अब दो मैदान हो जाएगे। इस मैदान का कार्य 2023 में प्रारंभ हुआ था। 2025 में यह पूरा हो जाएगा। पूरे स्टेडियम परिसर के निर्माण की अनुमानित लागत लगभग 18 करोड़ रुपये है।