अमेरिका ने चीनी छात्रों के वीजा को बड़े पैमाने पर रद्द करने की घोषणा की है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि विदेश मंत्रालय, गृह सुरक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर यह काम करेगा।
रुबियो ने बताया कि ऐसे चीनी छात्रों का वीजा रद्द किया जाएगा, जिनका चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध है या जो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "हम भविष्य में चीन और हॉन्गकॉन्ग से आने वाले वीजा आवेदनों की जांच को और सख्त करेंगे।" अमेरिका का दावा है कि यह नीति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है। CCP छात्रों के जरिए संवेदनशील जानकारी हासिल कर सकता है।
यह कदम अमेरिका में चीनी छात्रों की संख्या को कम करेगा और दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद तनाव को बढ़ा सकता है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी सरकार ने विदेशी छात्रों के लिए नए वीजा इंटरव्यू पर रोक लगा दी है।
वहीं, जापानी सरकार ने स्थानीय विश्वविद्यालयों से अमेरिका से वापस आने वाले छात्रों को प्रवेश देने पर विचार करने को कहा है।
चीनी छात्रों और कम्युनिस्ट पार्टी का संबंध
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी चीन की एकमात्र सत्तारूढ़ पार्टी है और यह देश में शिक्षा, संस्कृति और समाज पर गहरा प्रभाव रखती है। अमेरिकी सरकार के मुताबिक कई चीनी छात्र, विशेष रूप से जो उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं, CCP से जुड़े हो सकते है।
चीनी विश्वविद्यालयों में CCP की विचारधारा को बढ़ावा देने वाले कई कोर्स पढ़ाए जाते है। कुछ मामलों में, CCP विदेश में पढ़ने वाले छात्रों पर नजर रखने के लिए चीनी छात्र संगठनों का उपयोग करती है।
ट्रंप प्रशासन का मानना है कि कुछ चीनी छात्र CCP के लिए जासूसी या तकनीकी जानकारी चुराने का काम कर सकते हैं। खासकर उन क्षेत्रों में जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संवेदनशील हैं, जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्वांटम कम्प्यूटिंग, और अन्य उन्नत तकनीकें।