भोपाल में बुधवार को ऐशबाग थाने में पदस्थ एएसआई पवन रघुवंशी को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया है। खास बात ये है कि पुलिस की टीम ने ही ये कार्रवाई की है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है। इसी मामले में ऐशबाग थाना टीआई जितेंद्र गढ़वाल समेत 4 लोगों पर भी एफआईआर दर्ज की गई है।
दरअसल, ये मामला हाल ही में भोपाल में पकड़ाए ठगी के एक कॉल सेंटर से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि इस मामले के आरोपियों में से एक आरोपी मुइन खान को बचाने के एवज में एएसआई ने उससे 25 लाख रुपए में डील की थी। उसी डील की पहली किस्त के रूप में एएसआई 5 लाख रुपए ले रहा था। तभी क्राइम ब्रांच और जोन-1 की एडिशनल डीसीपी रश्मि मिश्रा समेत उनकी टीम ने एएसआई को रंगेहाथ धर दबोचा।
सुबह तक जिस थाने में टीआई थे, शाम को वहीं केस दर्ज रिश्वत के इस मामले में टीआई जितेंद्र गढ़वाल के खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। खास बात यह है कि जिस ऐशबाग थाने में जितेंद्र गढ़वाल बतौर टीआई पदस्थ थे, उसी थाने में उन पर एफआईआर दर्ज हुई है। उनके साथ पवन रघुवंशी, प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र और टीकमगढ़ से रिश्वत देने वाले अंशुल उर्फ मोना जैन को आरोपी बनाया गया है। पुलिस की एक टीम टीकमगढ़ भी पहुंच चुकी है। टीआई गढ़वाल की भूमिका यह बताई जा रही है कि उनकी जानकारी में रिश्वत का ये पूरा घटनाक्रम हुआ।
ठगी के कॉल सेंटर के इसी मामले में कार्रवाई में लापरवाही को लेकर पुलिस ने बुधवार को ऐशबाग थाना टीआई जितेंद्र गढ़वाल सहित चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने बताया कि चारों आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है। इनके सीडीआर (कॉल डिटेल) भी निकाला जा रहा है।
इन चार पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड
कॉल सेंटर संचालक के बेटे को गिरफ्तार कर छोड़ दिया था दरअसल, भोपाल के प्रभात चौराहे पर एक बिल्डिंग में एक कॉल सेंटर संचालित हो रहा था। यहां से देश भर के लोगों को ठगने का काम किया जा रहा था। इस मामले में 23 फरवरी को पुलिस ने दबिश देकर संचालक अफजल खान के बेटे को गिरफ्तार करके छोड़ दिया था। मामले ने तूल पकड़ा तब कॉल सेंटर संचालक और उसकी बेटी पर एफआईआर कर सोमवार को आरोपी अफजल को गिरफ्तार किया था।
पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। जांच में पुलिस के सामने आरोपी के खाते से करोड़ रुपए का लेनदेन करने सहित 26 युवक-युवतियों के नाम आए थे, जो ठगी का काम करते थे।
जब्त प्रिंटर को घर ले गया था एएसआई एएसआई पवन रघुवंशी 23 फरवरी को कार्रवाई के बाद कॉल सेंटर से जब्त टीसीएस कंपनी का एक महंगा प्रिंटर अपने घर ले गया था। इसकी उसने जब्ती नहीं बनाई थी। इस प्रिंटर को भी पुलिस की टीम ने उसके घर से बरामद किया है। वहीं सूत्रों का दावा है कि पवन ने कॉलोनी में दो प्लॉट भी कब्जा रखे हैं। कार्रवाई के बाद पुलिस की टीम की मौजूदगी में स्थानीय रहवासियों ने इस बात की जानकारी दी।
मुइन खान को बचाने को लेकर थी पूरी डील फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले मास्टर माइंड अफजल खान के साले मुइन खान को आरोपी नहीं बनाने को लेकर 25 लाख रुपए में डील हुई थी। पहली खेप में बुधवार को 15 लाख रुपए लिए जाने थे। पुलिस जांच में पता चला कि यह रकम मुइन के दो करीबी लाए थे। दबिश के समय एएसआई पवन रघुवंशी के घर से पुलिस को 5 लाख रुपए मिले। बाकी 10 लाख लेकर दूसरी पार्टी कहां गई। पुलिस उसे ट्रेस कर रही है।
डीसीपी जोन-1 प्रियंका शुक्ला ने बताया कि, 10 लाख लेकर आने वालों की पहचान के लिए पवन के घर और उसके आसपास के सीसीटीवी फुटेज देखे जा रहे हैं। सस्पेंड किए गए ऐशबाग थाने के टीआई जितेंद्र गढ़वाल सहित सभी पुलिस कर्मियों के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकाली जा रही है।
बताया जा रहा है पुलिस इनके बैंक अकाउंट भी चेक करवा सकती है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि, जिन पुलिस जवानों की भूमिका सामने आएगी। उन सबके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पहली बार पुलिस ने पुलिसकर्मी को ट्रेस किया बता दें कि भोपाल में पहली बार पुलिस ने किसी पुलिसकर्मी को ट्रेस किया। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की एफआईआर दर्ज की है। मामले में टीआई जितेंद्र गढ़वाल की भूमिका की जांच जारी है। जिसके बाद उसे भी आरोपी बनाया सकता है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पूरी डील की जानकारी टीआई जीतेंद्र गढ़वाल को पहले से थी। वही पवन के माध्यम से डील करा रहे थे। जबकि पवन रघुवंशी को तीन दिन पहले ही लाइन हाजिर किया जा चुका था।
दूसरी पार्टी से 10 लाख रुपए और लेने वाला था पवन मोइन के दूसरे गुर्गे के भी संपर्क में था। ट्रैप कार्रवाई के बाद पुलिस की मौजूदगी में ही दूसरे व्यक्ति का भी उसके पास कॉल आया। जो दस लाख रुपए देने घर आने वाला था। हालांकि कार्रवाई की भनक लगते ही कॉल करने वाले व्यक्ति ने कॉल स्विच ऑफ कर लिया। पुलिस उसे भी तलाश रही रही है।
पहले भी विवादों में रहे टीआई-एएसआई टीआई जितेंद्र गढ़वाल और एएसआई पवन रघुवंशी लगातार विवादों में थे। पिछले दिनों इन पर एनडीपीएस की फर्जी कार्रवाई करने के भी आरोप लगे थे। जिसमें जुए की बंदी नहीं देने पर जुआरी फरहान खान पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। इस मामले में भी शिकायत आला अधिकारियों तक पहुंची थी।