नगरीय विकास और आवास विभाग अब ई-रिक्शा योजना शुरू करेगा। इस योजना में 55 साल तक के ऐसे लोगों को लाभ मिल सकेगा जो पहले से ऑटो रिक्शा चला रहे हैं और जिनके पास लाइसेंस हैं। इसके लिए प्रदेश में 3500 ऑटो रिक्शा चलाने वालों को प्रमोट कर ई-रिक्शा सुविधा से जोड़ा जाएगा। नगरीय निकायों में मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना का निरंतर वर्ष 2027-28 तक क्रियान्वयन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना के अंतर्गत शहरी गरीब महिलाओं को विशेष रूप में लाभ प्रदान कर शासन के नारी सशक्तिकरण मिशन को बल प्रदान किया जाएगा।
प्रदेश में ऑटो रिक्शा चलाने वाले हितग्राहियों की आमदनी बढ़ाने और शहर को प्रदूषण मुक्त रखने के मकसद से नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस वर्ष से मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना लागू करने का निर्णय लिया है। योजना के अंतर्गत पहले चरण में 3500 हितग्राहियों को फायदा पहुंचाया जाएगा। योजना में लाभान्वित हितग्राहियों को ऋण राशि में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से ब्याज में सब्सिडी भी दी जाएगी। नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि योजना के जरिए राज्य सरकार संकल्प-पत्र 2023 के अनुसार ऑटो एवं टैक्सी चालक कल्याण के संकल्प को पूरा करेगी।
ई-रिक्शा योजना के लिए ऐसे होंगे चयन
55 साल तक के लोगों को मिलेगा लाभ
टॉस्क फोर्स समिति करेगी निर्णय
जिले में प्राप्त होने वाले आवेदन-पत्रों के निराकरण के लिये टॉस्क फोर्स समिति गठित होगी। परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण समिति अध्यक्ष होंगे। अन्य सदस्यों में बैंक प्रतिनिधि और योजना प्रभारी को भी शामिल किया है। बैंकों द्वारा प्रकरण 30 दिवस में अनिवार्य रूप से निराकृत किया जाएगा। इसके बाद नीयत 15 दिन में ऋण वितरण किया जाना भी अनिवार्य किया है। बैंकों द्वारा किसी भी प्रकार की कोलेटरल सिक्योरिटी की माँग आवेदक से नहीं की जाएगी। योजना के क्रियान्वयन के लिए बजट में आवश्यक प्रावधान किए जा रहे हैं।