मध्यप्रदेश की पहली हाईटेक गोशाला का भूमि पूजन शनिवार को CM डॉ. मोहन यादव ने किया। दोपहर 12.30 बजे सीएम डॉ. यादव ने गोशाला का भूमि पूजन किया। भोपाल के बरखेड़ा डोब में 10 करोड़ रुपए की लागत से 25 एकड़ जमीन में गोशाला बनेगी। इसमें सीसीटीवी कैमरे और गोवंश का डेटा ऑनलाइन रहेगा।
कार्यक्रम में मंत्री विश्वास सारंग, लखन पटेल, कृष्णा गौर, स्वामी अच्युतानंद महाराज, सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, जिपं अध्यक्ष राम कुंवर गुर्जर, फंदा जनपद अध्यक्ष प्रमोद राजपूत, भोपाल महापौर मालती राय, निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, फंदा जनपद अध्यक्ष प्रमोद राजपूत मौजूद हैं।
भोपाल से 20 किलोमीटर दूर बरखेड़ी डोब में 10 हजार गोवंश की क्षमता वाली गोशाला बन रही है। यहीं पर चिकित्सा वार्ड भी बनेगा। यहां गोवंश का इलाज भी हो सकेगा।
सुरक्षा के लिए सभी इंतजाम रहेंगे इस गोशाला को हाईटेक बनाया जाएगा। इसमें सीसीटीवी कैमरों सहित वे सभी आवश्यक संसाधन होंगे, जो सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी हैं। इसकी लागत 10 करोड़ रुपए आएगी।
गो मूत्र-गोबर से खाद बनाने के लिए लगेगी यूनिट पहले फेज में 2 हजार गायों की क्षमता वाले क्षेत्र का निर्माण तेजी से प्रारंभ करने की योजना बनाई गई है। गोशाला में हरा चारा, भूसा और पशु आहार की सप्लाई के लिए मॉडर्न कन्वेयर बेल्ट सिस्टम भी स्थापित किया जाएगा।लगभग 15 करोड़ रुपए से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और जिला पंचायत गोशाला का निर्माण करेगी। संचालन नगर निगम करेगा। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि, गोशाला में गायों के गोबर और मूत्र से जैविक खाद और अन्य सामग्री तैयार करने के लिए एक यूनिट भी लगाई जाएगी। घायल और बीमार गायों के उपचार के लिए आधुनिक चिकित्सा वार्ड का निर्माण किया जाएगा।
कलेक्टर ने कराया था सर्वे, सड़कों पर मिले थे 5 हजार मवेशी करीब ढाई महीने पहले कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने एक सर्वे कराया था। इसमें सड़कों पर आवारा मवेशी पाए गए थे। सर्वे में सड़कों पर 200 जगहों पर मवेशियों का डेरा दिखा, जिनकी कुल संख्या 6,000 के करीब थी अयोध्या बायपास, कोलार रोड, रायसेन रोड, अशोका गार्डन, रातीबड़, नेहरू नगर, कोटरा, बैरागढ़ और हमीदिया रोड पर बड़ी संख्या में मवेशी सड़कों पर नजर आए थे। बारिश के दौरान सड़कों पर मवेशियों की संख्या बढ़ने से नगर निगम की टीमें उन्हें पकड़कर बाहर खदेड़ रही थीं।
निगम के पास पर्याप्त इंतजाम नहीं, इसलिए सड़कों पर मवेशी भोपाल में 6 से ज्यादा स्थानों पर गोशाला हैं, जिनमें कुछ की क्षमता 50 तो कुछ की 100 मवेशियों की है। पूरे शहर से पकड़े गए मवेशियों की किस गोशाला में देखभाल हो रही है, इसकी मॉनिटरिंग नहीं होती। इस वजह से कई बार मवेशी मालिक भी मवेशियों के लिए भटकते रहते हैं। ऐसे में एक ही स्थान पर सभी मवेशियों को रखे जाने से उनका रिकॉर्ड रखना और देखभाल करना आसान हो जाएगा। वहीं, निगम को भी बड़ी गोशाला मिल जाएगी।