कोहेफिजा में प्राइवेट स्कूल के प्राचार्य को 32 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखने का मामला सामने आया है। कॉल करने वाले ठगों ने साउथ अफ्रीका कोड वाले नंबर से वॉट्सएप कॉल किया था। इंग्लिश में बात करने वाले ठग ने खुद को डीएचएल कंपनी का कर्मचारी बताते हुए प्राचार्य से कहा- उनके नाम से बैकॉक भेजे जा रहे पार्सल में बाघ की खाल, नाखून और बड़ी मात्रा में एटीएम हैं।
यह सुनते ही प्राचार्य घबराए और साइबर सेल में शिकायत की बात कही। ठग ने तुरंत कहा- वह दिल्ली क्राइम ब्रांच के अफसर से बात करवा रहा है। इसके लिए स्काइप से बात करनी होगी। उनके मोबाइल में स्काइप एप डाउनलोड करवाकर कॉल किया और 32 घंटे तक प्राचार्य व उनकी पत्नी को एक ही कमरे में डिजिटल अरेस्ट करके रखा।
लोकेशन ट्रेस करने साइबर पुुलिस के जवान ने बात की
ठगों की लोकेशन ट्रेस करने साइबर क्राइम विंग ने सोमवार दोपहर फरियादी को ऑफिस बुलाया। फरियादी ने ठग को कॉल कर डीसीपी से बात कराने को कहा। इंग्लिश में बात करने वाले ठग ने बताया डीसीपी से कल बात होगी। तभी आरक्षक मोहित ने फोन लेकर ठग से कहा- झूठ क्यों बोलते हो। इतना सुनते ही ठग बोला- ऐसा करके ही हम लोगों को ठगते हैं और कॉल कट कर दिया।
1930 पर करें शिकायत - पुलिस के अनुसार देश में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं है। ऐसा कॉल आने पर तत्काल 1930 पर शिकायत करें। पास थाने में शिकायत करने के साथ साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं।
इतना लंबा समय बीतने के बाद पत्नी को शक हुआ। उन्होंने गूगल पर डिजिटल अरेस्ट के बारे में सर्च किया तो हकीकत सामने आ गई। पत्नी ने तुरंत प्राचार्य पति के मोबाइल पर जारी कॉल कट किया और साइबर क्राइम विंग के पास शिकायत करने पहुंची।