भोपाल। प्रदेश में विमुक्त, घुमंतू, अर्द्ध-घुमंतू समुदायों के परिवारों का सर्वे इंदौर, भोपाल, उज्जैन सहित 12 जिलों में किया जाएगा। इसमें परिवार के आधार कार्ड और बैंक खाते के साथ अन्य जानकारियां ली जाएंगी। इसके आधार पर उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलवाया जाएगा। साथ ही पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की शिक्षण संस्थाओं में 75 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए आधार आधारित बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज कराई जाएगी।सर्वे कर जुटाएंगे डाटा
पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्ध-घुमंतू राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने ये निर्देश शुक्रवार को मंत्रालय में विभागीय समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में बताया गया कि भोपाल, इंदौर, उज्जैन, देवास, शाजापुर, राजगढ़, कटनी, धार, मंदसौर, रायसेन, विदिशा और सीहोर जिले में सर्वे किया जाएगा। इसमें डाटा एकत्र करने के बाद प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा।
बाद में अन्य जिलों में भी ऐसा सर्वे किया जाएगा। विमुक्त, घुमंतु एवं अर्द्ध-घुमंतु समुदायों के लिये लोकरंग उत्सव आयोजित करने पर भी विचार किया जा रहा है। बैठक में विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा की गई।
विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति पर जोर
इसके साथ-साथ पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की अध्ययनरत संस्थाओं में 75 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी शैक्षणिक संस्थाओं को यूनिक आईडी 'आधार' बेस्ड बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के लिए कहा गया है। साथ ही लंबित छात्रवृत्ति का भुगतान करने के साथ विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना में प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए निराकरण के निर्देश दिए।
विभागीय मंत्री ने छात्रावासों में मेस व्यवस्था शुरू करने, सौर ऊर्जा प्लांट लगाने और बाउंड्री वाल बनाने संबंधी कार्यों की भी जानकारी ली। बैठक में विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने की योजना के संबंध में बताया गया कि अब तक पिछड़ा वर्ग के 7 विद्यार्थियों को जापान में प्लेसमेंट दिलाया गया है।