भोपाल । खंडवा में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी एवं पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने अरुण यादव की तुलना भगवान श्रीराम से की है। नायक ने खंडवा में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रभुराम की तरह यादव ने भी त्याग किया। वन में पैदल चलते हुए भगवान राम के पैरों में कांटे चुभे, उसी तरह खंडवा में कांग्रेस का मैदानी संगठन खड़ा करने में यादव एक साल तक पैदल चले। इस दौरान उनके पैरों में छाले तक पड़ गए। जब चुनाव लड़ने का मौका आया तो उन्होंने किसी और को मौका दे दिया। नायक जब भाषण दे रहे थे, मंच पर अरुण यादव भी मौजूद रहे।
पूर्व मंत्री अरुण यादव ने भले ही पारिवारिक कारणों का हवाला देकर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वे पार्टी की अंदरुनी खींचतान का शिकार हुए। हालांकि वे अब पार्टी उम्मीदवार राजनारायण सिंह पुरनी के लिए प्रचार कर रहे हैं। इस दौरान खंडवा में एक सभा में चुनाव प्रभारी मुकेश नायक ने उन्हें भगवान राम की तरह त्यागी और परिश्रमी बताया।
सुनाया
रामचरित मानस
का प्रसंग
नायक ने कहा- रामचरित
मानस में एक प्रसंग है। जिसमें प्रभु राम वनवास के लिए पदयात्रा करते हैं। इस दौरान उनके पैर में कांटे चुभ जाते हैं। तब श्रीराम और सीता के बीच हुए संवाद का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह भूमि त्याग, भक्ति और
परिश्रम की तपोभूमि है। अरुण यादव ने भी इसी तरह का त्याग किया है। पूर्व मंत्री ने आगे कहा- जब भी
कोई व्यक्ति किसी भी रूप में त्याग करे,उसको प्रोत्साहन मिलना चाहिए। मैंने 25-30 साल में
ऐसा उदाहरण पहली बार देखा।
जब किसी नेता ने साल भर तक पैदल चल-चलकर अपने पैर तोड़ लिए हों, पैर में छाले पड़ गए हो और धूप में उनका चेहरा काला पड़ गया हो। जिसने एक-एक बूथ पर कार्यकर्ता तैयार किया हो, उसने अंतिम अवसर पर यह कहकर चुनाव लड़ने से मना कर दिया कि भगवान ने मुझे बहुत अवसर दिए हैं। उन्होंने कहा कि अरुण यादव का त्याग और खिलाड़ी भावना ही इस चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाएगी। उन्होंने कहा कि यादव ने एक कदम आगे बढ़कर राजनारायण सिंह का हाथ पकड़ा, ऐसा उदाहरण भी देखने को कभी नही मिला।