राजस्व अभिलेखों में दर्ज त्रुटियों को सुधार के लिए प्रदेश का राजस्व विभाग एक नया प्रयोग करने जा रहा है। राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि राजस्व अभिलेखों में सुधार के लिए प्रदेश के स्थापना दिवस 1 नवंबर से 15 नवंबर तक शुद्धिकरण पखवाड़ा मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भूमि संबंधी प्रपत्रों में त्रुटि के कारण उनके विक्रय, नामांतरण आदि कार्यो में हमेशा विवाद की स्थिति बनी रहती है। इसलिए त्रुटि सुधार के कार्य को एक अभियान के रूप में पूरा किया जाएगा।
शासन की योजनाओं का मिल सकेगा लाभ
राजस्व मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि प्रथम चरण 2 अक्टूबर से प्रदेश भर में विशेष ग्राम सभाएँ आयोजित की जा रही हैं। इन विशेष ग्राम सभाओं में चल रही कार्यशालाओं में इसकी तैयारी भी शुरु हो गई है। ग्राम सभाओं में रिकॉर्ड संबंधी जो त्रुटियाँ सामने आएंगी, उनका निराकरण इसी पखवाड़े में किया जाएगा। रिकॉर्ड शुद्धिकरण पखवाड़े में कुछ त्रुटियों को राज्य स्तर पर, कुछ को जिला स्तर पर सुधारा जायेगा। इस पखवाड़े में मुख्य रूप से नामांतरण और भूमि स्वामी का नाम आधार कार्ड अनुसार सुधारा जाएगा, क्योंकि इस त्रुटि के कारण कई बार किसानों को पीएम किसान और सीएम किसान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। राजस्व मंत्री ने किसानों एवं नागरिकों से अनुरोध किया है कि ग्राम सभाओं में उपस्थित हो कर उनके रिकॉर्ड में जो भी त्रुटि हो उसे सामने लाएं। आमजन की सुविधा के लिए यह पखवाड़ा बहुत ही महत्वपूर्ण है।
नियमों के सरलीकरण से राह हुई आसान
मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि आम जनता को राहत देने के लिए प्रदेश में भू-राजस्व संहिता एवं उसके नियम व निर्देशों में सरलीकरण से नागरिकों को घर बैठे 24 घंटा एवं सप्ताह में सातों दिन आसानी से खसरा-खतौनी की प्रतिलिपि प्राप्त हो जाती है। आज कंप्यूटर एवं इंटरनेट के माध्यम से घर से ही नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन व डायवर्सन के आवेदन कर पा रहे हैं। इसके अलावा भू-राजस्व ऑनलाइन जमा करने की सुविधा भी नागरिकों को प्रदान की जा रही है।
नियमों की जानकारी देने हो रही कार्यशाला
बताया गया कि भू राजस्व संहिता एवं उसके नियमों में बहुत सारे परिवर्तन एवं सरलीकरण का कार्य राजस्व विभाग द्वारा किया गया। इन परिवर्तनों की जानकारी आम जनता तक पहुंचाने के लिए जिला, तहसील एवं ग्राम स्तर पर कार्यशाला आयोजित की जा रही है। हाल ही में गांधी जयंती के अवसर पर विशेष ग्राम सभाओं के आयोजन किये गए। इन सभाओं में राजस्व विभाग द्वारा नामांतरण के लिए खतौनी का वाचन, अधिकार अभिलेख के वाचन के साथ खसरा-खतौनी और नक्शा संबंधी त्रुटियों को ठीक करने के निर्देश दिए गए थे। राजस्व रिकॉर्ड में त्रुटि सुधार के लिए भूमिस्वामी, किसान या आम नागरिक भी सीधे आवेदन कर सकते हैं। मेरी कोशिश रहेगी कि कोई भी भू धारक खसरा, खतौनी एवं नक्शा के लिए परेशान न हो।