इंदौर। पिछले कुछ दशकों
में देश में न्यूट्रास्युटिकल उद्योग में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है। भारत
सरकार की न्यूट्रा टास्क फोर्स के मुताबिक महामारी के दौरान करीब 64 करोड़ लोगों ने
बीमारी से लड़ने के लिए न्यूट्रास्यूटिकल्स का सहारा लिया। यहीं से भारत में न्युट्रास्युटिकल्स
कारोबार के एक नए दौर की शुरुआत हुई। देश में न्यूट्रास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा
देने में डिजिटल मार्केटिंग ने अहम् भूमिका निभाई है।
हेल्थ और वेलनेस प्रोडक्ट्स के लिए प्रसिद्ध न्यूट्रास्युटिकल ब्रांड ब्लिस वेलनेस की को-फाउंडर हिरनी देसाई ने कहा, “किसी भी ब्रांड को आगे बढाने, नए लोगों तक पहुँचने और कस्टमर्स से बेहतर संपर्क साधने में डिजिटल मार्केटिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। केवल भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में सोशल मीडिया का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। हमारे प्रोडक्ट्स को दिखाने और उपभोक्ताओं को जागरुक करने के लिए इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म्स काफी जबरदस्त भूमिका निभा रहे हैं। केवल भारत में ही 56 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट उपयोगकर्ताओं हैं, इन प्लेटफॉर्म्स पर हमारी डिजिटल उपस्थिति हमारे उपभोक्ताओं तक पहुंचने और उनके साथ जुड़ने का एक प्रवेश द्वार है।
डिजिटल मार्केटिंग के बेहतर उपयोग पर देसाई कहती हैं कि, “सोशल मीडिया का सही और रणनीतिक उपयोग हेल्थ एंड वेलनेस ब्रांड्स के लिए अत्यंत लाभकारी हो सकता है। इन्फ्लुएन्सर्स के साथ कोलाब्रेशन, ई-कॉमर्स को अपनाना, बड़े क्षेत्रों तक पहुंच और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग, ये सभी रणनीतियाँ ब्रांड की वृद्धि और सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। डिजिटल युग में, सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग न केवल प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है, बल्कि उपभोक्ताओं के साथ एक मजबूत और स्थायी संबंध बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
कैसे बढ़ रहा डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से व्यापार
इन्फ्लुएन्सर्स के साथ कोलाब्रेशन करना एक शक्तिशाली रणनीति है। इन्फ्लुएन्सर्स का अपने फॉलोवर्स पर गहरा प्रभाव होता है और वे लोगों को हेल्थ और वेलनेस उत्पादों के बारे में जागरूक करने और उनका उपयोग करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। यह ब्रांड की विश्वसनीयता बढ़ाने और अधिक लोगों तक पहुंच बनाने में सहायक होता है। उदाहरण के लिए, योगा प्रशिक्षक, फिटनेस ट्रेनर, या न्यूट्रिशनिस्ट के साथ साझेदारी करना ब्रांड के उत्पादों और सेवाओं को प्रामाणिकता प्रदान कर सकता है। इससे उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ई-कॉमर्स फीचर्स का उपयोग करना आजकल बहुत लोकप्रिय हो गया है। अमेज़न, फ्लिप्कार्ट के साथ साथ इंस्टाग्राम शॉप्स, फेसबुक मार्केटप्लेस, और पिंटरेस्ट बायबल पिन्स जैसे फीचर्स ब्रांड्स को सीधे उपभोक्ताओं तक अपने उत्पाद बेचने की सुविधा देते हैं। इससे न केवल बिक्री बढ़ती है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी एक सरल और सुविधाजनक खरीदारी अनुभव मिलता है।
सोशल मीडिया की मदद से ब्रांड्स न केवल स्थानीय बाजार बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने उत्पादों को प्रमोट कर सकते हैं। विभिन्न भाषाओं और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए कंटेंट तैयार करना और उसे विभिन्न देशों में प्रचारित करना संभव है। इससे ब्रांड की पहुंच और ग्राहक आधार में बढ़ोतरी होती है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध डेटा एनालिटिक्स टूल्स का उपयोग करके ब्रांड्स अपने मार्केटिंग अभियानों की सफलता को माप सकते हैं। यह टूल्स विभिन्न मेट्रिक्स जैसे एंगेजमेंट रेट, क्लिक-थ्रू रेट, कन्वर्जन रेट आदि का विश्लेषण करके यह समझने में मदद करते हैं कि कौन सी रणनीतियां काम कर रही हैं और कौन सी नहीं। इससे ब्रांड्स अपने मार्केटिंग प्रयासों को और बेहतर बना सकते हैं और उच्चतम आरओआई (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) प्राप्त कर सकते हैं। फेसबुक इनसाइट्स, इंस्टाग्राम एनालिटिक्स, और गूगल एनालिटिक्स का उपयोग करके ब्रांड्स अपने सोशल मीडिया अभियानों का विस्तृत विश्लेषण कर सकते हैं। इससे उन्हें यह जानने में मदद मिलती है कि कौन सा कंटेंट सबसे प्रभावी है और किस प्रकार के पोस्ट्स को उपभोक्ता अधिक पसंद कर रहे हैं।