ग्लोबल हेल्थ लिमिटेड के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के चैयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान को इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ कार्डियैक सर्जरी द्वारा "सेवेन वाइज़् कोरोनरी सर्जन्स ऑफ़ द गोल्डन एरा ऑफ़ द 90s" के रूप में सम्मानित किया गया था। यह कांग्रेस एक ग्लोबल सोसाइटी है जो रोगी परिणामों, तकनीकों और हार्ट सर्जरी के प्रगतिशील विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए अलग अलग सर्जिकल सेंटर्स का आयोजन करता है और उन्हें एक साथ लेकर आता है। "सेवन लीजेंड्स" में शामिल किया जाना डॉक्टर त्रेहान की हार्ट सर्जरी को आगे बढ़ाने में उनके अहम योगदान के लिए उनकी भूमिका को स्वीकार करना है। यह पुरस्कार समारोह ग्रीस के एथेंस में, ग्रीस की पुरानी संसद में, दुनिया भर के अन्य प्रतिष्ठित डॉक्टरों के बीच हुआ।
पदम भूषण और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित ग्लोबल हेल्थ लिमिटेड के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के चैयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा, "इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ कार्डियैक सर्जरी द्वारा यह सम्मान एक अत्यंत गौरव का विषय है। मैं अपने सभी अस्पतालों के डॉक्टरों और कर्मचारियों का उनके अटूट समर्थन और मार्गदर्शन के लिए आभारी हूं, जो इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। यह सहयोग आगे भी निर्बाध रूप से चलता रहेगा और हम अपने उद्देश्य - सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के तहत, हर रोगी के लिए सर्वोत्तम संभव उपचार तक पहुंचेंगे। इसके अलावा, हम मेदांता की चिकित्सीय प्रसिद्धि के माध्यम से अनगिनत जीवन को बेहतर बनाने के लिए और हमेशा बेहतर करने के लिए आने वाली पीढ़ी के कार्डियक सर्जनों को तैयार करेंगे।"
डॉ. त्रेहान ने 1968 में लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उनका कहना है कि लखनऊ में बिताए चार वर्षों ने उन्हें भारत की जमीनी हकीकतों से अवगत कराया और उन्हें काफी कुछ सिखाया। उन्होंने 1968-69 तक सफदरजंग अस्पताल में अपनी इंटर्नशिप की। अपनी मेडिकल शिक्षा को बढ़ाने के लिए उन्होंने 1970 में फिलाडेल्फिया के थॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी अस्पताल में इंटर्नशिप हासिल करने में कामयाबी हासिल की। अपने रोटेशन में उन्होंने वरिष्ठ डॉक्टरों से पूछा कि हार्ट सर्जरी में कौन सा सर्जन अग्रणी कार्य कर रहा है। उन्हें बताया गया कि न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में डॉ फ्रैंक स्पेंसर हैं। त्रेहान को यह भी चेतावनी दी गई थी कि यह अमेरिका में सर्जरी का सबसे प्रतिष्ठित रेजीडेंसी कार्यक्रम था और उनके लिए इसमें शामिल होने का कोई मौका नहीं था। उन्होंने यह भी बताया कि डॉक्टर स्पेंसर विदेशियों से बात नहीं करते थे और उनकी पांच साल की वेटिंग लिस्ट थी। लंबे हिप्पी बालों और बंडी मूंछों वाले त्रेहान को देखते हुए, उनके सीनियर ने त्रेहान से कहा कि उनके इंटरव्यू का भी कोई मौका नहीं है। कार्डियक सर्जरी में रेजीडेंसी प्रोग्राम की ज़िद में लगे त्रेहान 1971 में जनरल सर्जरी में नौकरी पाने में कामयाब रहे, उन्हें अपने लखनऊ की शिक्षा से मिले ज्ञान से प्रभावित करने में सफलता मिली।
चार साल की कठिन जनरल सर्जरी में हफ्ते में सिर्फ दो बार घर आने के बाद, 1975 में त्रेहान डॉ फ्रैंक स्पेंसर के साथ कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी प्रोग्राम में जगह बनाने में कामयाब रहे, जिसकी मांग काफी ज्यादा थी। 1978 में, उन्होंने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में अपना अभ्यास शुरू किया। त्रेहान उन रोगियों के सफल ऑपरेशन करने के लिए जाने जाते थे, जिन्हें असफल माना जाता था और जिन्हें बहुत अधिक जोखिम भरा होने के कारण सर्जरी के लिए मना कर दिया गया था। दोनों हाथों से काम करने में कुशल (ambidextrous) होने के नाते, त्रेहान ऑपरेशन में अपनी गति के लिए जाने जाते थे, जिससे रोगी को एनेस्थीसिया में रखने का समय कम हो जाता था और उनकी मेडिकल फील्ड में उनका सम्मान और बढ़ गया।
न्यूयॉर्क में उन 20 वर्षों के दौरान, डॉ त्रेहान भारत में अत्याधुनिक कार्डियक केयर के लिए प्रतिबद्ध रहे। कई चुनौतियों से पार पाते हुए, उन्होंने 1988 में एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना की, जिसने बेहतरीन कार्डियक केयर के लिए एक नए मानदंड की स्थापना करता है। उनका विज़न एक संस्थान से कहीं आगे था, जिसने उन्हें 2009 में गुड़गाँव में मेदांता - द मेडिसिटी, एक 1,400 बिस्तरों वाला मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल की स्थापना करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद लखनऊ, पटना, इंदौर और रांची में अन्य यूनिट्स का शुभारंभ किया गया। 77 वर्ष की आयु में, डॉ त्रेहान ग्लोबल हेल्थ लिमिटेड के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के चैयरमैन हैं और वे सर्जरी करना और पढ़ाना जारी रखे हुए है।