अतिथि शिक्षकों को अगस्त से स्कूलों में पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया जाना था। इसी बीच प्रदेश में करीब 35 हजार अतिशेष शिक्षकों की सूची सामने आने से अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। प्रदेश भर में करीब 70 हजार अतिथि शिक्षक हैं। अतिशेष के कारण 50 प्रतिशत इस सत्र में बेरोजगार हो जाएंगे। इसे लेकर अतिथि शिक्षक पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर राजधानी में प्रदर्शन भी करेंगे।
स्कूलों में नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं की तिमाही परीक्षाएं सितंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू होने वाली है। ऐसे में शिक्षकों को उच्च पद का प्रभार देने के कारण और अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग के कारण स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं, विभाग स्कूलों में रिक्त हजारों पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती ही नहीं कर पा रहा है।
इस बार स्थिति ज्यादा चिंताजनक
इस बार शिक्षकों की कमी से 10वीं व 12वीं बोर्ड कक्षाओं का परिणाम बिगड़ा था। इस कारण अगस्त से अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित किया जाना था, लेकिन अतिशेष शिक्षकों की संख्या अधिक होने के कारण इस पर रोक लगा दी गई।
हजारों अतिथि शिक्षक पहले ही हो गए बाहर
इस बार 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम खराब होने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया था कि 30 प्रतिशत के नीचे परिणाम नहीं देने वाले अतिथि शिक्षकों को दोबारा नहीं रखा जाएगा। इससे 13 हजार अतिथि शिक्षकों की नौकरी पहले ही जा चुकी है।
इस कारण नहीं होती अतिथि शिक्षकों की भर्ती
शिक्षकों की नई भर्ती होने से अतिथि शिक्षकों के पद खत्म कर दिए हैं। वहीं, उच्च पद का प्रभार दिए जाने से जो पद रिक्त हुए हैं और खाली पदों पर अतिशेष शिक्षकों को भेजा जाएगा। इस कारण अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाएगी।
इनका कहना है
पहले अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग कर उन्हें स्कूलों में खाली पदों को पदस्थ किया जाएगा। इसके बाद रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित किया जाएगा।
- शिल्पा गुप्ता, आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय