नई दिल्ली । देश के ज्यादातर मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर के 10 फीसदी तक रहने का अनुमान व्यक्त किया है जबकि 10 फीसदी ने तो इसके दहाई अंक में रहने की उम्मीद जताई है। चीन से आयात में भारी कमी आने के साथ ही कोरोना के नये वेरिएंट ओमीक्रान से आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने की भी बात कही गई है। उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा सीआईआई नेशनल काउंसिल के सदस्यों के बीच किए गए सर्वेक्षण में यह कहा गया है।
इस काउंसिल में कंपनियों में सीईओ सदस्य होते हैं। सर्वेक्षण में शामिल 56 प्रतिशत सीईओ ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर के 9 से 10 फीसदी तक रहने का अनुमान लगाया है जबकि 10 प्रतिशत ने तो इसके 10 फीसदी के पार पहुंचने की बात कही है। लद्दाख में चीनी सेना के साथ भारतीय सैनिकों की झड़प के बाद इस पड़ोसी देश के साथ कई प्रकार के आयात सीमित ळिए जाने का असर अब भी दिख रहा है क्योंकि इस सर्वे में शामिल 73 फीसदी सीईओ ने चीन से 10 फीसदी से भी कम आयात की बात कही है जबकि इसमें 22 फीसदी ने कहा कि चीन से उनका आयात 10 से 25 फीसदी के बीच में है।
कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन से आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के बारे में पूछे जाने पर इसमें शामिल 55 प्रतिशत से कहा कि इससे सेवा क्षेत्र पर बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है जबकि 34 फीसद ने कहा कि विनिर्माण गतिविधियों भी प्रभावित हो सकती है। सर्वे में शामिल सीईओ में से 35 फीसदी ने चालू वित्त वर्ष में राजस्व में कोविड से पहले के वर्ष 2019-20 की तुलना में 10 से 20 फीसदी की बढोतरी की संभावना जताई है जबकि 33 फीसदी ने तो इसमें 20 फीसद से भी अधिक की बात कही है।
इसमें शामिल 35 प्रतिशत सीईओ ने सकल लाभ के भी चालू वित्त वर्ष में कोरोना से पहले के वित्त वर्ष की तुलना में 20 फीसदी से अधिक की बढोतरी की उम्मीद जताई है जबकि 17 प्रतिशत ने इसके 10 से 20 फीसद के बीच रहने की बात कही है। करीब 70 फीसदी सीईओ ने आपूर्ति की बाधाओं के बावजूद विभिन्न पैरा मीटरों को लेकर आशावान दिखे हैं।