नई दिल्ली । निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने कहा कि भारत सरकार कंपनी में 36 फीसदी हिस्सेदारी अधिग्रहित करेगी। बोर्ड ने कंपनी की लाएबिलिटी को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया में सबसे बड़ी हिस्सेदारी सरकार के पास होगी। उसके बाद वोडाफोन ग्रुप पीसी की हिस्सेदारी 28.5 फीसदी, आदित्य बिड़ला ग्रुप की हिस्सेदारी 17.8 फीसदी होगी। सरकार ने पिछले दिनों टेलीकॉम सेक्टर को राहत देते हुए कई अहम फैसले लिए थे।
सरकार ने स्पेक्ट्रम चार्जेज और एजीआर बकाए के भुगतान के लिए 4 सालों का मोराटोरियम दिया। हालांकि, इस दौरान इंट्रेस्ट का कैलकुलेशन जारी रहेगा। अगर कंपनी चाहती है कि इंट्रेस्ट का हिस्सा इक्विटी में कंवर्ट कर दिया जाए तो सरकार ने इसकी भी मंजूरी दी थी। सरकार के इसी फैसले के तहत वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के बोर्ड ने ड्यू को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है।
माना जा रहा है कि इंट्रेस्ट की नेट प्रजेंट वैल्यु करीब 16 हजार करोड़ रुपए होगी। यह अनुमान कंपनी की तरफ से लगाया गया है, हालांकि डीओटी यानी डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स से इसे मंजूरी बाकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार को 10 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से इक्विटी ट्रांसफर किया जाएगा।