भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेशवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से राज्य नीति आयोग कम समय में पूर्ण होने वाली योजनाएँ बनाएँ, नीतियाँ निर्धारित करे, उनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर जल्द से जल्द परिणाम सामने लाएं। इस उद्देश्य से सर्वोच्च प्राथमिकता के कुछ कार्यक्रम एवं योजनाएँ तय कर उनके लक्ष्य निर्धारित किए जाएँ। कार्यों का प्रभाव आगामी दो वर्ष में परिलक्षित होना चाहिए - मुझे परिणाम चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में आयोजित मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग की तीसरी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी, वित्त एवं योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) की प्राप्ति के लिए विभागों की कार्य-योजना, रणनीति एवं समय-सीमा को स्पष्टत: प्रस्तुत किया जाए। प्रदेश में आईएमआर, एमएमआर, माल न्यूट्रिशन, स्टंटिंग के साथ सहकारिता आंदोलन, जल प्रबंधन, फसल विविधीकरण, महिला नीति, सतत पर्यटन और मत्स्य निर्यात की दिशा में प्रभावी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से लोगों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति में सकारात्मक परिणाम दिखाई दे सकते हैं। अत: इन पर विशेष ध्यान दिया जाए। गतिविधियों केक्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर से लेकर जन-प्रतिनिधि, दीनदयाल अंत्योदय समिति, आशा कार्यकर्ता, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता तक की जिम्मेदारी और समय-सीमा तय की जाए तथा मासिक आधार पर इनकी समीक्षा हो।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक आकांक्षी विकासखंड की जिम्मेदारी एक-एक अधिकारी को सौंपी जाए। इससे तय लक्ष्य की समय-सीमा में प्राप्ति में सहायता मिलेगी। प्रदेश में कल्याणकारी योजनाओं और अधो-संरचना विकास से संबंधित गतिविधियों के थर्ड पार्टी मूल्यांकन के संबंध में भी विचार-विमर्श आवश्यक है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने में मध्यप्रदेश अधिक से अधिक योगदान कैसे दे सकता है, इस पर भी राज्य नीति आयोग को विचार करना होगा। यह निर्धारित करना होगा कि हम देश की फाईव ट्रिलियन इकॉनामी और सौर ऊर्जा में राष्ट्रीय स्तर पर कितना योगदान कर सकते हैं। सोच और कार्य के इस तरीके से ही डबल इंजन की सरकार प्रभावी रूप से कार्य कर सकेगी। मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग को जन-साधारण से जोड़ना जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि जन-धन का दुरूपयोग न हो। नीति निर्माण में हितग्राहियों के फीडबेक, कार्यक्रमों और योजनाओं से जुड़े सभी समूहों से परामर्श लिया जाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विभिन्न गतिविधियों की प्रतिमाह समीक्षा सुनिश्चित की जाए।
प्रमुख सचिव वित्त मनोज गोयल, सचिव योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मुकेश चंद्र गुप्ता तथा अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान की मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा पदेन सदस्य मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग श्रीमती जी.वी. रश्मि उपस्थित थी।