भोपाल : कल्पना कीजिए कि आपके पेट या कमर के पास एक छोटी सी सूजन दिखाई देती है, जो कभी-कभी लेटने पर गायब हो जाती है। एम.एस. जनरल एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जन, और कोलोरेक्टल सर्जनगायत्री स्वरूप हॉस्पिटल, भोपाल डॉ. चिराग शांति दौसाजे, का कहना है शुरुआत में यह ज्यादा गंभीर नहीं लगती, लेकिन समय के साथ यह बढ़ सकती है, दर्द दे सकती है और गंभीर समस्याएं भी पैदा कर सकती है। इसे हर्निया कहा जाता है — एक ऐसी स्थिति जिससे दुनियाभर में लाखों लोग प्रभावित होते हैं, लेकिन लोग इसे तब तक नजरअंदाज करते हैं जब तक कि यह और ज्यादा न बढ़ जाए। हर्निया तब होता है जब कोई अंग या टिशु, मांसपेशी या कनेक्टिव टिशु की कमजोर जगह से बाहर निकल आता है। यह आमतौर पर एक उभरी हुई सूजन के रूप में दिखाई देता है, खासकर जब आप खड़े होते हैं, खांसते हैं या भारी सामान उठाते हैं। कुछ हर्निया केवल हल्की असहजता देते हैं, लेकिन अगर समय रहते इलाज न हो तो ये गंभीर दर्द और जटिल समस्याओं का कारण बन सकते हैं। डॉ. चिराग शांति दौसाजे, का कहना है हर्निया शरीर के विभिन्न हिस्सों में विकसित हो सकता है। इसके कुछ सामान्य प्रकार हैं: इंगुइनल हर्निया (जांघ के पास का क्षेत्र): यह पुरुषों में अधिक आम होता है और निचले पेट में उभरी हुई सूजन के रूप में दिखाई देता है। अंबिलिकल हर्निया (नाभि के पास): यह शिशुओं और उन बुजुर्गों में अधिक देखा जाता है जिनकी पेट की मांसपेशियाँ कमजोर होती हैं। इंसिशनल हर्निया (सर्जरी वाली जगह): यह किसी पहले की सर्जरी वाली जगह पर मांसपेशियों की कमजोरी के कारण होता है। लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर इनमें शामिल हैं: खांसी, जोर लगाने या खड़े होने पर उभरकर दिखाई देने वाली सूजन, चलने-फिरने या व्यायाम के दौरान दर्द या असहजता, प्रभावित क्षेत्र में भारीपन या दबाव महसूस होना, पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे एसिड रिफ्लक्स (हाईटल हर्निया के मामले में), गंभीर मामलों में, हर्निया फंस सकता है और उस हिस्से में खून की आपूर्ति बंद हो सकती है। इसे स्ट्रैंग्युलेशन कहते हैं, जो एक आपातकालीन स्थिति है और तुरंत सर्जरी की ज़रूरत होती है। सर्जरी ही क्यों है सबसे अच्छा इलाज: हर्निया सामान्य बीमारियों की तरह खुद-ब-खुद ठीक नहीं होता। वास्तव में, समय के साथ यह बड़ा होता जाता है, जिससे दर्द और कोम्प्लेक्सिटी का खतरा बढ़ जाता है। हालाँकि लाइफ स्टाइल में बदलाव या सपोर्ट बेल्ट जैसी चीज़ें अस्थायी राहत दे सकती हैं, लेकिन सर्जरी ही इसका एकमात्र स्थायी समाधान है। हर्निया सर्जरी में प्रगति: आजकल हर्निया का इलाज पहले से बहुत ज़्यादा सुरक्षित, जल्दी और अच्छा हो गया है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, जिसमें छोटे कट लगते हैं, एक छोटा कैमरा और खास औजारों से हर्निया ठीक किया जाता है। पुराने तरीके के बड़े ऑपरेशन के मुकाबले इसके कई फायदे हैं: छोटे कट और कम निशान, कम दर्द और जल्दी ठीक होना, अस्पताल में कम दिन रहना और अपने काम पर जल्दी वापस जा पाना एक और बड़ी सफलता है मेश इम्प्लांट्स का इस्तेमाल। पहले हर्निया का इलाज मांसपेशियों को आपस में सिलकर किया जाता था, जिससे हर्निया दोबारा होने की संभावना बनी रहती थी। लेकिन अब मेडिकल-ग्रेड मेश का उपयोग कमजोर हिस्से को मजबूती देने के लिए किया जाता है, जिससे हर्निया के वापस आने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। एम.एस. जनरल एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जन, और कोलोरेक्टल सर्जनगायत्री स्वरूप हॉस्पिटल, भोपाल डॉ. चिराग शांति दौसाजे, का कहना है, “मिनिमली इनवेसिव तकनीकों और मेश रीइन्फोर्समेंट की बदौलत आज हर्निया सर्जरी पहले से कहीं अधिक सफल हो गई है। मरीजों को कम दर्द होता है, जल्दी ठीक होते हैं और हर्निया के दोबारा होने का खतरा भी काफी कम हो जाता है। समय रहते डॉक्टर से सलाह लेने से कोम्प्लेक्सिटी से बचा जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।” आज ज्यादातर हर्निया सर्जरीज़ में मरीज उसी दिन या 24 घंटे के भीतर घर लौट सकते हैं। कुछ दिनों में हल्की गतिविधियाँ शुरू की जा सकती हैं, जबकि भारी व्यायाम और वजन उठाने से कुछ हफ्तों तक बचना चाहिए। शुरू में हर्निया आम और बिना खतरे वाला लग सकता है, पर इसे अनदेखा करना बड़ी मुश्किलों में डाल सकता है। अगर आपको कहीं सूजन, बेचैनी या लगातार दर्द हो रहा है, तो फौरन डॉक्टर को दिखाएँ। आजकल की नई सर्जरी तकनीकों से हर्निया का इलाज पहले से कहीं ज़्यादा सुरक्षित, जल्दी और अच्छा हो गया है। देर मत कीजिए — आज जो कदम उठाएंगे, वह आपके आने वाले कल को अच्छा और सेहतमंद बना देगा!