नयी दिल्ली : हृदय रोग और ट्रोक समेत कार्डियोवै कुलर डिसीजेस (सीवीडी) के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है। कोविड-19 के दौर में लोगों को दोहरा खतरा है। वायरस का जोखिम तो है ही, अपने हृदय के उपचार को जारी रखने में भी डर है। भारत में 50 साल से कम स के लोगों को कार्डियोबै कुलर रोगों के कारण हुआ हार्ट अटैक कुल संख्या का आधा है और 25 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जो 40 साल से कम सू के थे। पिछले कुछ महीनों में फिटनेस और तंदुरू ती की वैकल्पिक विधियों में लोगों की रुचि जगी है, जिसमें आहार और जीवनशैली को ठीक करना शामिल है।
कार्डियोकै कुलर रोगों को हराने के लिये वर्ल्ड हार्ट फेडरेशनल के कैम्पेन #Useheart के अनुसार अवीवा लाइफ छ योरेन्स की चीफ क टमर, मार्केटिंग, डिजिटल एवं आईटी ऑफिसर सुश्री अंजली मल्ले स्व थ हृदय वाले जीवन के लिये कुछ सरल तरीके जैसे नियमित व्यायाम, हृदय की नियमित जाँच, पर्याप्त नींद , हृदय की सुरक्षा के लिये वित्तीय रूप से तैयार रहना , स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती पर ध्यान बताये हैंन व थ जीवन के लिये व थ हृदय जरूरी है। इसलिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि हृदय कोस् क थ कैसे रखें और उस ज्ञान के आधार पर अभी और भकि य के लिये भी जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिये अपना आचरण बदलें।
नियमित व्यायाम करें : कोविड-19 के बाद से लोगों का जीवन ज्यादा आलसी हो गया है, क्योंकि लोग अपना अधिकांश समय बैठे-बैठे लैपटॉप, टेलीविजन या मोबाइल पर बिता रहे हैं और शारीरिक गतिविधि या कसरत नहीं कर रहे हैं। काम करते हुए घर के चक्कर लगाना या ऑनलाइन फिटनेस क्लासेस जैसी स्वास्थ्यकर आदतें शरीर और दिमाग को आराम दिलाने में मदद करेंगी। चलना, दौड़ना, साइक्लिंग और एरोबिक्स जैसे शारीरिक व्यायामों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना हृदय के स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होगा।
भोजन के सम्बंध में स्वास्थ्यकर आदतें अपनाएं : हृदय के आम रोगों का कारण उच्च कोलेस्ट्रॉल, मोटापा और मधुमेह हैं। इसलिये, संतुलित डाइट लेना महत्वपूर्ण है। अपनी डाइट में सेहत से भरपूर भोजन और पोषक-तत्वों की पर्याप्त मात्रा को शामिल कर आप हृदय रोगों से बच सकते हैं। इसलिये, हरी और पत्तेदार सब्जियाँ, फाइबर से प्रचुर साबुत अनाज, फैटी-फिश, सूखे मेवे पर्याप्त मात्रा में लें और अपनी डाइट से शक्कर और एरैटेड ड्रिंक्स को बाहर निकालें और मीठे पेयों की जगह पानी लें।
अपने दिल की सुनें और नियमित जाँच करवाएं : संपूर्ण स्वास्थ्य की निगरानी के लिये नियमित जाँच जरूरी है। बढ़ती आयु के साथ यह और ज्यादा जरूरी हो जाता है और कोविड-19 के कारण नियमित जाँच में बाधा नहीं आनी चाहिये। आप अवीवा हार्ट एज कैलकुलेटर की सहायता से भी अपने हृदय की जाँच कर सकते हैं, जो कुछ सरल चरणों में आपके हृदय की वास्तविक आयु बताता है।
पर्याप्त नींद लें : पर्याप्त नींद स्वस्थ हृदय की कुंजी है। नींद की कमी से कार्डियोवैस्कुलर रोगों का जोखिम बढ़ता है, चाहे आप भले ही दूसरी सेहतमंद आदतों को क्यों न अपना रहे हों। नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टिट्यूट (एनएचएलबीआई) के अनुसार व्यक्ति को हर दिन कम से कम 7-8 घंटे सोना चाहिये, क्योंकि इससे मानसिक और शारीरिक ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।
अपने हृदय की सुरक्षा के लिये वित्तीय रूप से तैयार रहें : आज की भाग-दौड़ भरी दुनिया में आपको अनिश्चितताओं के लिये हमेशा तैयार रहना चाहिये। स्वस्थ हृदय और सुरक्षित भविष्य के लिये वित्तीय योजना सबसे महत्वपूर्ण है। वित्तीय तरलता एक अन्य समस्या है, जिसका अभी लोग सामना कर रहे हैं, तो खुद को चिकित्सकीय अनिवार्यताओं से सुरक्षित रखने के लिये व्यापक बीमा योजनाओं में निवेश करना चाहिये। निवेश के विकल्पों को चुनते समय भविष्य का ध्यान रखना चाहिये और ऐसी बीमा योजनाएं लेनी चाहिये, जो कार्डियोवैस्कुलर स्थितियों पर कवरेज देती हों और उपचार के खर्च से इतर एक मुश्त रकम दें।
स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती पर ध्यान दें : एक्सरसाइज और सेहतमंद डाइट पर ध्यान देने के अलावा, स्वस्थ हृदय के लिये समग्र तंदुरूस्ती पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है। आज के दौर में, खुश रहना तंदुरूस्ती में प्रमुख भूमिका निभाता है और मानसिक शांति भी सुनिश्चित करता है। किसी शौक या लगन का मस्तिष्क और आत्मा पर उपचार जैसा प्रभाव होता है। काम और जीवन के बीच सही संतुलन होने से आप सकारात्मक रहते हैं और जीवन के बड़े पहलुओं पर ध्यान देते हैं, जैसे गुणवत्तापूर्ण जीवन जीना, व्यक्तिगत लक्ष्यों का पीछा करना और आत्मबोध। इससे तनाव के बेहतर प्रबंधन और स्वस्थ जीवन में मदद मिलती है।