सड़कों पर 12 फीट से लंबे लोडिंग वाहन नो एंट्री में ट्रैफिक की बड़ी बाधा बन रहे हैं। 12 फीट (चेसिस साइज) से ज्यादा आकार बढ़ाकर इन्हें यूज किया जा रहा है, इसलिए इन्हें लाइट व्हीकल कैटेगरी से बाहर करने की जरूरत है। लोडिंग वाहन होने के कारण इन्हें नो एंट्री जोन में शहर के मुख्य कमर्शियल एरिया में ले जाया जाता है। न्यू मार्केट, रोशनपुरा, हमीदिया रोड, करोंद, एमपी नगर जैसे क्षेत्रों में रोज ऐसे 100 से ज्यादा वाहन आवाजाही करते हैं।
वहां ट्रैफिक जाम के हालात बन जाते हैं। ये देख अब डीसीपी ट्रैफिक ने भी इनको लाइट व्हीकल कैटेगरी से बाहर करने की पेशकश की है। मोटर व्हीकल रूल्स में 6 पहिया या इससे बड़े वाहनों को हैवी व्हीकल मानते हुए नो एंट्री में रोक लगाई गई है। नो एंट्री में लाइट व्हीकल यानी 4 पहिया तक के वाहनों को ही इजाजत दी जाती है।
रात 9 बजे से शुरू होती है नो एंट्री:भोपाल में नो एंट्री का समय रात 9 बजे से शुरू होता है। इसके बाद सुबह 6 बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक रहती है। इस दौरान केवल डीसीपी ट्रैफिक कार्यालय या एडीएम कार्यालय से अनुमति लेने वाले वाहनों को ही एंट्री की इजाजत दी जाती है। हालांकि अब ट्रैफिक पुलिस नो एंट्री का समय भी एक-एक घंटे बढ़ाने की कवायद कर रही है। यानी रात 9 बजे से शुरू होने वाली नो एंट्री का समय रात 10 बजे से शुरू होगा और ये सुबह 6 के बजाए 7 बजे तक लागू रहेगी।
दिन में भी 250 भारी वाहन
12 फीट से ज्यादा लंबे 100 से ज्यादा लोडिंग वाहन शहर में लाइट व्हीकल के तौर पर घूम रहे हैं। वहीं अगस्त में एडीएम-डीसीपी कार्यालय से अनुमति लेकर करीब 150 वाहन सड़कों पर चल रहे हैं। यानी ट्रैफिक जाम के लिए ये 250 वाहन भी एक हद तक जिम्मेदार हैं। पहले ये वाहन 12 फीट लंबाई के होते थे, लेकिन अब इनकी चेसिस का आकार बढ़ा दिया गया है। डीसीपी ट्रैफिक संजय सिंह का कहना है कि हमने 12 फीट से ज्यादा लंबे वाहनों को नो एंट्री में आवाजाही की इजाजत न देने के लिए प्रस्तावित किया हैै।