नई दिल्ली । भारत की प्रमुख ऑटो कंपनियों में से एक महिंद्रा एंड महिंद्रा को एक सौदा बहुत भारी पड़ गया है। गौरतलब है कि यह मामला है 2010 में हुए एक सौदे का, जिसमें महिंद्रा एंड महिंद्रा ने तब 2,100 करोड़ रुपए में दक्षिण कोरिया की ऑटो कंपनी सेंसंगयेंग मोटर खरीदा था। महिंद्रा समूह इस कंपनी को बेचने का काफी समय से प्रयास कर रहा था, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिल रहा था।
दक्षिण कोरिया की कुछ कंपनियों के एक गठजोड़ ने इसे खरीदने की सहमति दे दी है। कई महीनों से कोर्ट के चक्कर के बाद एडिशन मोटर्स की अगुआई में लोकल कंपनियों के एक गठजोड़ ने उक्त कंपनी को 305 बिलियन वॉन यानी करीब 254.56 मिलियन डॉलर में खरीदने का ऑफर दिया है। इस ऑफर में सेंसंगयेंग मोटर की 95 फीसदी हिस्सेदारी के बदले 254.56 मिलियन डॉलर देने का प्रस्ताव है।
सेसंगयेंग मोटर में अभी महिंद्रा का 74.65 फीसदी हिस्सा है। इससे उम्मीद के हिसाब से परिणाम नहीं मिलने पर महिंद्रा ने फरवरी 2021 में इसे सेल के लिए डाल दिया था। इसके साथ ही महिंद्रा ने करीब 2000 करोड़ रुपए के अपने निवेश को राइट ऑफ कर दिया था। साल 2020 के समाप्त होने से पहले ही उक्त कंपनी को 100 बिलियन वॉन के कर्ज के चलते बैंकरप्सी केस फाइल करने की जरूरत पड़ गई थी।
कंपनी ने महिंद्रा से फ्रेश कैपिटल की मांग की लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया. महिंद्रा एंड महिंद्रा ने सेसेंगयेंग मोटर का अधिग्रहण करने के बाद एसयूवी और इलेक्ट्रिक व्हीकल पर फोकस करने की रणनीति अपनाई थी, जो सफल नहीं हो पाई।