नासा ने आकाशगंगा के बाहर खोजा पहला संभावित ग्रह

Updated on 26-10-2021 07:58 PM

वॉशिंगटन ब्रह्मांड जगत में खगोल वैज्ञानिकों की रहस्यमयी खोजों को लेकर दुनिया अचंभित रहती है। अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक नए ग्रह की खोज की है। संभावना जताई जा रही है कि यह पिंड हमारी आकाशगंगा के बाहर खोजा जाने वाला पहला ग्रह हो सकता है। अब तक लगभग 5000 एक्सोप्लैनेट की खोज की जा चुकी है, लेकिन ये सभी हमारी मिल्की वे आकाशगंगा के भीतर स्थित हैं। ये एक्सोप्लैनेट हमारे ही सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इस संभावित ग्रह को चंद्र एक्स-रे टेलीस्कोप के जरिए खोजा गया है। यह हमारी आकाशगंगा से 2 करोड़ 80 लाख प्रकाशवर्ष दूर मेसियर 51 आकाशगंगा में स्थित है।

इस ग्रह की खोज ट्रांजिट पर आधारित है। यह ग्रह एक तारे की परिक्रमा के दौरान दूसरे तारों की रोशनी को रोक देता है। इससे इसकी चमक कई गुना बढ़ जाती है। यही कारण है कि हमारे टेलिस्कोप ने इतनी लंबी दूरी पर स्थित इस ग्रह की खोज कर ली। हजारों की संख्या में एक्सोप्लैनेट खोजने के लिए इस सामान्य तकनीक का उपयोग पहले ही किया जा चुका है। डॉ रोसैन डि स्टेफानो और उनके साथियों ने एक्स-रे ब्राइट बाइनरी के रूप में जानी जाने वाली वस्तु से प्राप्त एक्स-रे की चमक में गिरावट को दर्ज किया है। इन वस्तुओं में आम तौर पर एक न्यूट्रॉन स्टार या ब्लैक होल होता है जो निकट से परिक्रमा करने वाले साथी तारे से गैस खींचता है।

इस टीम ने एम51-यूएलएस-1 नाम की बाइनरी सिस्टम में एक्सोप्लैनेट का पता लगाने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया। अमेरिका के कैम्ब्रिज में हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के डॉ. डि स्टेफानो ने बताया कि हमने जिस मैथड को विकसित और इम्प्लीमेंट किया है वह दूसरी आकाशगंगाओं में प्लेनेट सिस्टम की खोज करने के लिए वर्तमान में एकमात्र सही तरीका है। डॉ. डी स्टेफानो ने कहा कि आकाशगंगा में एक्सोप्लैनेट खोजने के लिए इतनी सफल तकनीकें अन्य आकाशगंगाओं को देखते समय टूट जाती हैं।

यह आंशिक रूप से इसलिए है क्योंकि इसमें शामिल बड़ी दूरियां दूरबीन तक पहुंचने वाले प्रकाश की मात्रा को कम कर देती हैं। इसका मतलब यह भी है कि दूर से देखने के कारण हमें कई पिंड एक छोटी सी जगह में दिखाई देते हैं। जिससे अलग-अलग सितारों की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। इस ग्रह की खोज करने वाले वैज्ञानिकों ने यह स्वीकार किया है कि उन्हें अपने दावे को सही साबित करने के लिए और अधिक डेटा की जरूरत है। इस खोज से संबंधित रिसर्च पेपर को प्रसिद्ध साइंस जर्नल नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित किया गया है।


अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 20 September 2024
हरारे: अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे में अधिकारियों ने अपने भूखे लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए हाथियों को काटने का फैसला लिया है। वन्य अफसरों ने 200 हाथियों को काटकर उनका…
 20 September 2024
कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का कहना है कि दक्षिण एशिया और हिंद प्रशांत क्षेत्र कठिन समय से गुजर रहा है। चीन को लेकर उन्होंने कहा कि श्रीलंका-चीन के संबंध…
 20 September 2024
बीजिंग: न्यूक्लियर फ्यूजन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे सूर्य को शक्ति मिलती है। लंबे समय से 'नकली सूर्य' को क्लीन एनर्जी के लिए एक विकल्प के रूप में देखा जाता रहा…
 20 September 2024
रियाद: सऊदी अरब में तीन विमानों ने सड़क के रास्ते से करीब एक हजार किमी का सफर किया है। ट्रकों पर लदे ये विमान जब शहरों के बीच से गुजरे…
 19 September 2024
रियाद: सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने एक बार फिर फिलिस्तीन की आजादी की बात कही है। सऊदी प्रिंस ने कहा कि स्वतंत्र फिलिस्तीनी देश के बिना सऊदी अरब इजरायल…
 19 September 2024
तेल अवीव: लेबनान पेजर हमले से ठीक से उबरा भी नहीं था कि एक बार फिर धमाकों की नई लहर देखी गई है। बुधवार को लेबनान में वॉकी-टॉकी में धमाका देखा…
 19 September 2024
वॉशिंगटन: भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स का आज 59वां जन्मदिन है। सुनीता 19 सितंबर, 1965 को अमेरिका के ओहियो पैदा हुई थीं। उनका सफर एनापोलिस, मैरीलैंड में अमेरिकी नौसेना…
 19 September 2024
लेबनान। लेबनान में मंगलवार को हुए सीरियल पेजर ब्लास्ट के बाद अब आज बुधवार को लेबनान में फिर से ब्लास्ट की खबर है। यह धमाका वॉकी-टॉकी डिवाइस में किया गया है।…
 19 September 2024
नई दिल्ली/इस्लामाबाद । भारत और पाकिस्तान के बीच 64 साल पहले सिंधु जल संधि हुई थी। संधि के कारण भारत को अपनी जरूरतें दरकिनार कर पाकिस्तान के लिए हिमालय की नदियों…
Advt.