भोपाल : कुछ वर्ष पहले तक हम जानते ही नहीं थे कि सिकल सेल एनीमिया होता क्या है। प्रधानमंत्री ने इस विषय को छूते हुए इसके जनजागरण के लिए लोगों से आह्वान किया। मप्र के राज्यपाल भी सिकल सेल एनीमिया को लेकर काफी चिंतित रहते हैं। सिकल सेल एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से मरीजों के साथ.साथ उनके परिजन भी काफी परेशान रहते हैं। यह एक अनुवांशिक बीमारी है जिसका किसी भी चिकित्सा पद्धाति में अच्छे रिजल्ट नहीं है। लेकिन डॉ ए के द्विवेदी बताते हैं कि होम्योपैथिक चिकित्सा द्वारा सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित मरीजों की समस्या को कम किया जा सकता है। हमारा देश युवाओं का देश है इसलिए अब वक्त आ गया है कि युवा सिकल सेल एनीमिया के प्रति जागरूक हो और इसके जनजागरण के लिए काम करें। शादी के लिए पत्रिका मिलाने के साथ.साथ होने वाले जीवनसाथी की ब्लड रिपोर्ट भी देखें जिससे सिकल सेल एनीमिया के वाहक को रोका जा सकें।
डॉ ए के द्विवेदी द्वारा बनाई गई सिकल सेल एनीमिया बीमारी की जानकारी वाली वेबसाइटरू डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.सिकलसेल .को.इन (www.sicklecell. co. in) काफ़ी सहायक हैं। इससे स्वास्थ्य देखभाल तक उनकी पहुंच आसान हो सके और सिकल सेल रोगग्रसित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद भारत सरकार के सदस्य डॉ ए के द्विवेदी ने सिकल सेल एनीमिया रोग के लक्षण बताए जिसमें कमजोरी, थकान ,दम भरना, पेट व शरीर के अन्य भागों में होने वाले दर्द तथा सामन्य व्यक्ति जैसे दैनिक कार्य नहीं कर पाना प्रमुखता से शामिल है। आपने बताया कि होम्योपैथी चिकित्सा के द्वारा हम सिकल सेल बीमारी से पीड़ित इन मरीजों की उक्त परेशानियों को दूर कर सकते हैं। साथ ही लंबे समय तक होम्योपैथी चिकित्सा लेने वाले सिकल सेल एनीमिया के मरीजों को बार.बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता भी महसूस नहीं होती है। वे दैनिक कार्य भी आसानी से कर सकते हैं
एडवांस्ड होम्यो-हेल्थ सेंटर तथा होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड, इंदौर के माध्यम से मध्यप्रदेश में सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित मरीजों के लिए कैंप लगाए जा रहा है।
डॉ. द्विवेदी ने कहा कि अगर आपको काम करने के दौरान जल्दी-जल्दी थकान होती है, बार-बार कोई बीमारी हो जाती है, शरीर-जोड़ों में दर्द होने लगता है और ये सब अचानक होने लगता है तो यह एनीमिया के लक्षण हो सकते हैं। लंबे समय से ब्लीलिंड पाइल्स (मल के साथ खून जाना) की शिकायत है तो सीबीसी जांच करायें। वहीं छोटे बच्चों को लगातार नकसीर की समस्या रहती है तो इसे नजरअंदाज न करें क्योंकि लगातार नकसीर होने से खून की कमी हो सकती है एनीमिया हो सकता है। रोजाना ब्रश करने के दौरान खून आना भी एनीमिया के लक्षण हो सकते हैं। वहीं ऐसी महिलाएं जिन्हें माहवारी के दौरान लंबे समय तक ब्लीडिंग होती है वे भी एनीमिया की शिकार हो जाती हैं। ऐसे में ऐसी महिलाओं को इसे छुपाना नहीं चाहिए और सीबीसी जांच करना चाहिए। ।
रक्त की कमी (एनीमिया) के चलते मरीजों को सिकल सेल, थैलेसीमिया, अप्लास्टिक एनीमिया समेत तरह-तरह की गंभीर बीमारियों के साथ-साथ आईटीपी, पैनसाइटोपेनिया और ब्लीडिंग डिस्सोर्डर्स आदि अनेक प्रकार की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। रक्त की कमी कई बार मरीज के लिए जानलेवा साबित होती है। इंदौर में इस विपरीत स्थिति से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने का बीड़ा हमने उठाया है। इसके लिए हमने एनीमिया रथ के माध्यम से न केवल लोगों को खून की कमी से होने वाली तरह-तरह की छोटी-बड़ी समस्याओं के बारे में जागरूक किया बल्कि इससे बचाव के अत्यंत सरल उपाय भी सुझाये।
डॉ. द्विवेदी ने बताया कि एनीमिया रथ संचालन के दौरान रक्त की कमी की वजह से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का सरल औषधीय उपचार भी किया। चुनिंदा जरूरतमंद मरीजों को निशुल्क उपचार की सुविधा भी मुहैया कराई गई। उल्लेखनीय है कि ढाई दशकों से एनीमिया के मरीजों का सफलतापूर्वक होम्योपैथी इलाज कर रहे डॉ. द्विवेदी पेशेंट्स अवेयरनेस के लिए पिछले कई सालों से एनीमिया रथ सप्ताह का आयोजन कर रहे हैं। जिससे बड़ी संख्या में इंदौर और आसपास के मरीज लाभान्वित हो रहे हैं।