इन इलाकों में पड़ सकती हैं बौछारें
मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को प्रदेश के पूर्वी इलाके में स्थित सतना, रीवा, सीधी व सिंगरौली जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। पश्चिमी मप्र के इंदौर, उज्जैन जैसे जिलों में भी हल्की बारिश हो सकती है। कुछ अन्य जिलों में भी रिमझिम फुहारें पड़ने की उम्मीद है। बाकी जगह मौसम ज्यादातर शुष्क रहेगा।
ये वेदर सिस्टम सक्रिय
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सौराष्ट्र और कच्छ तथा इससे सटे उत्तरी गुजरात पर गहरा कम दबाव का क्षेत्र बना है, जिसके धीरे-धीरे पश्चिम-दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ने और 29 अगस्त की सुबह तक सौराष्ट्र और कच्छ तट और पाकिस्तान के आसपास के इलाकों और उत्तर-पूर्व अरब सागर तक पहुंचने की संभावना है। मध्य प्रदेश के उत्तरी भागों और इससे सटे दक्षिण उत्तर प्रदेश पर निम्न दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ गया है।
नया निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है
उधर, मानसून द्रोणिका सौराष्ट्र और कच्छ, रतलाम, दमोह, सीधी, चुर्क, जमशेदपुर, दीघा और वहां से दक्षिण-पूर्व की ओर होते हुए बंगाल की खाड़ी तक पहुंच रही है। वहीं 29 अगस्त को पूर्व-मध्य और उससे सटे उत्तरी बंगाल की खाड़ी पर एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।
यह हाल रहेगा अगले 2 दिन
अगले 2 दिनों के दौरान इसके दक्षिण ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों के करीब पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। दक्षिण गुजरात से मध्य केरल तट तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। पश्चिमी विक्षोभ एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में उत्तरी पाकिस्तान और आसपास बना हुआ है।
शुक्रवार से फिर होगी बारिश
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक 29 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से 30 अगस्त से प्रदेश में एक बार फिर झमाझम बारिश का दौर शुरू हो सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में गहरा कम दबाव का क्षेत्र उत्तरी गुजरात पर बना हुआ है। इसके असर से गुजरात की सीमा से सटे इंदौर संभाग के जिलों आलीराजपुर, धार, झाबुआ में कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं।