इंदौर। स्वच्छता और खानपान में अपनी विश्वव्यापी पहचान स्थापित करने के बाद इंदौर हर क्षेत्र में मजबूती से अपने कदम जमा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में इंदौर एक मेडिकल हब के रूप में जाना जाने लगा है। अपनी बेहतर स्वास्थ्य सेवा और उन्नत टेक्नोलॉजी के लिए प्रसिद्ध इंदौर के केयर सीएचएल हॉस्पिटल में सोमवार 10 जून को गाल ब्लैडर और हाइटल हर्निया की सफल रोबोटिक सर्जरी की गईं। इंदौर शहर के जाने माने लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जन डॉ सीपी कोठारी और उनकी टीम द्वारा ये सर्जरी रोबोट पद्धति के माध्यम से की गई। इस अत्याधुनिक विधि से उपचारित मरीज हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो गए हैं और अपने सामान्य जीवनशैली की तरफ बढ़ रहे हैं।
केयर सीएचएल हॉस्पिटल के लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जन डॉ सीपी कोठारी ने कहा कि, “कुछ सालों पहले रोबोटिक सर्जरी के लिए मरीजों को मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे शहर जाना पड़ता था लेकिन अब रोबोटिक सर्जरी इंदौर में उपलब्ध है। केयर सीएचएल हॉस्पिटल में सबसे एडवांस रोबोटिक सर्जरी सिस्टम उपलब्ध है जहाँ मल्टीस्पेशलिटी रोबोटिक सर्जरी सफल रूप से की जा रही है। रोबोटिक सर्जरी में रोबोटिक आर्म्स को नियंत्रित किया जाता है। रोबोटिक सर्जरी एक मिनिमल इनवेसिव सर्जरी होती है जिसमें, केवल छोटे छोटे छेद किये जाते हैं, जबकि ओपन सर्जरी में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। रोबोटिक सर्जरी में दर्द कम होता है, जख्म जल्दी भरते हैं और कम कॉस्मेटिक निशान होते हैं। इसके अलावा इस पद्धति से सर्जरी में 3D एचडी विसुअल मिलता है, जिससे अधिक सटीकता और नियंत्रण के साथ ऑपरेशन करने में मदद मिलती है। रोबोटिक सर्जरी में, पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में रक्तस्राव कम होता है। मरीज आमतौर पर रोबोटिक सर्जरी के बाद जल्दी ठीक होते हैं और उन्हें कम समय के लिए अस्पताल में रहना पड़ता है। अमेरिका जहाँ की कुल जनसँख्या 30 करोड़ है वहां साढ़े 6 हजार से ज्यादा रोबोट रोबोटिक सर्जरी में काम कर रहे हैं लेकिन भारत में 140 करोड़ जनसँख्या होने के बाद भी केवल 150 रोबोट ही उपलब्ध है।“
हाल ही में केयर सीएचएल में हुई सर्जरी के विषय में अधिक जानकारी देते हुए डॉ कोठारी ने बताया कि, “38 वर्षीय मरीज को कई दिनों से पेट में तेज दर्द, बुखार और उल्टी की शिकायत थी। डॉक्टरों ने सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड जांच के बाद गाल ब्लैडर में इन्फेक्शन की पुष्टि की, आम बोलचाल की भाषा में पित्ताशय की पथरी कहा जाता है। डॉक्टर्स की सलाह पर पारंपरिक ओपन सर्जरी के बजाय रोबोटिक पद्धति से सर्जरी करके गाल ब्लैडर को हटाने का सुझाव दिया गया। वहीँ एक अन्य 52 वर्षीय मरीज को सीने में जलन, अपच और भोजन नली में दर्द की शिकायत थी। एंडोस्कोपी और X-ray जांच के बाद उनमें हाइटल हर्निया की पुष्टि की गई। हाइटल हर्निया तब होता है जब पेट का एक हिस्सा डायाफ्राम के माध्यम से छाती में उभर आता है, इस स्थिति में मरीज अक्सर एसिड रिफ्लक्स जैसी स्थिति से जूझ रहा होता है। एसिड रिफ्लक्स तब होता है जब अन्नप्रणाली के निचले सिरे पर स्फिंक्टर मांसपेशी गलत समय पर शिथिल हो जाती है, जिससे पेट का एसिड वापस अन्नप्रणाली में आ जाता है। इससे सीने में जलन और अन्य लक्षण हो सकते हैं। बार-बार या लगातार रिफ्लक्स से जीईआरडी हो सकता है। इनकी भी रोबोटिक पद्धति से सर्जरी की गई जो सफल रहा और मरीज स्वस्थ होकर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुआ।“
इंदौर केयर सीएचएल रोबोटिक सर्जरी में अग्रणी है और विभिन्न प्रकार की सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। अस्पताल में अनुभवी डॉक्टरों की एक टीम है जो रोबोटिक सर्जरी की सफलता में अहम भूमिका निभाते हैं। अब इतनी उन्नत तकनीक आ गई है कि किसी भी रोग के लिए रोबोटिक सर्जरी की जा सकती है। जनरल सर्जरी विभाग में गाल ब्लैडर, सभी प्रकार के हर्निया, हाइटल हर्निया, आंतों की सर्जरी की जा सकती है, वहीं स्त्री रोग में बच्चेदानी और ओवरी संबंधित सारी सर्जरी भी रोबोट के माध्यम से की सकती है। यूरोलॉजी में प्रोस्टेट कैंसर, यूरिनरी ब्लैडर कैंसर, किडनी की सर्जरी रोबोट्स के माध्यम से की जा रही है, कार्डियोलॉजी विभाग में भी कार्डिओथोरासिक सर्जरी में लंग्स (फेफड़ो) की सर्जरी, बाईपास सर्जरी, अन्य सर्जरी में रोबोट की मदद ली जा रही है। यहाँ तक कि ऑन्कोलॉजी विभाग में विभिन्न प्रकार के कैंसर की सर्जरी भी रोबोट की मदद से की जा सकती है। बहुत जल्द केयर सीएचएल हॉस्पिटल के विशेषज्ञ सर्जन जैसे डॉ मनीष पोरवाल (कार्डियक सर्जन), डॉ नीना अग्रवाल (स्त्री रोग सर्जन), डॉ सौरभ जुल्का (यूरोलॉजी सर्जन), डॉ अमित गांगुली (जनरल सर्जन), डॉ अश्विन रंगोले (ऑन्कोलॉजी) सर्जन), डॉ. तनुज श्रीवास्तव (ऑन्कोलॉजी सर्जन), रोबोटिक सर्जरी के माध्यम से उपचार करेंगे। केयर सीएचएल में वर्तमान में भी एडवांस रोबोटिक घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी की जा रही है।