नई दिल्ली । बढ़ती मुद्रास्फीति के मद्देनजर बाजार नियामक सेबी ने अगले आदेश तक गेहूं, कच्चे पाम तेल, मूंग और कुछ अन्य जिंसों में नए डेरिवेटिव अनुबंध पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक नए डेरिवेटिव पर पाबंदी लगाने वाला यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। सेबी के ये निर्देश एक साल के लिए लागू होंगे। जहां तक पहले से चल रहे अनुबंधों का सवाल है तो उनमें कोई भी नया सौदा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और केवल सौदे को पूरा करने की ही इजाजत होगी।
धान (गैर-बासमती), गेहूं, सोयाबीन, कच्चे पाम तेल और मूंग के लिए नए अनुबंधों की शुरूआत पर नियामक ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है। इस सूची में चना, और सरसों के बीज और इसके डेरिवेटिव भी शामिल हैं। इन जिंसों में डेरिवेटिव अनुबंधों को साल की शुरुआत में निलंबित कर दिया गया था। सात कृषि जिंसों पर डेरिवेटिव को एक साल के लिए प्रतिबंधित करने के इस कदम को एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने खाद्य उत्पादों से बढ़ते मुद्रास्फीति दबाव का नतीजा बताया है। वहीं नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) ने कहा कि इस सूची में शामिल जिंसों में अगले आदेश तक कोई भी नया सौदा नहीं किया जा सकेगा। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा कि सरकार घरेलू बाजार में खाने के तेल की ऊंची कीमतों के कारण यह कदम उठाने को मजबूर हुई है।