नई दिल्ली । इस्पात मंत्रालय ने क्षेत्र की द्वितीयक इस्पात उत्पादक कंपनियों से कहा कि वे 30 करोड़ टन इस्पात उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद देने के लिए वे अपनी विनिर्माण प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाएं। द्वितीयक इस्पात निर्माता कंपनियां इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस और इंडक्शन फर्नेस के जरिये इस्पात का उत्पादन करती हैं।
इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने हाल ही में मंडी गोबिंदगृह इस्पात क्लस्टर का दौरा किया और द्वितीयक इस्पात उत्पादक कंपनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की। उनके साथ मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव रसिका चौबे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
इस अवसर पर सिंह ने कहा कि द्वितीयक इस्पात उत्पादक घरेलू इस्पात क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी के बगैर 30 करोड़ टन इस्पात निर्माण क्षमता के लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता। इस्पात मंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए द्वितीयक इस्पात क्षेत्र को स्वयं को प्रौद्योगिकी के स्तर पर उन्नत करना होगा।