दिल्ली मुंबई सुपर एक्सप्रेस वे पीथमपुर से जोड़ने के कारण इस सड़क से औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी। 102 किलोमीटर लंबे एक्सेस कंट्रोल फोरलेन पर जगह-जगह अंडर पास (सब-वे) बनाए जाएंगे, यानी कहीं से भी कोई वाहन इस मार्ग पर नहीं आ सकेंगे। इससे दुर्घटना की आशंका कम हो जाएगी।
कुल पांच हजार 17 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के लिए जल्द ही सर्वे कर भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सड़क का निर्माण इस तरह से किया जाएगा कि इसे भविष्य में आठ लेन किया जा सके। 10 मीटर चौड़े इस सड़क मार्ग को पेव्हड शोल्डर ग्रीनफील्ड फोर लेन हाइब्रिड एन्युटी माॅडल (एचएएम) पर बनाया जाएगा, इसका आशय यह है कि सड़क किनारे ब्लाॅक लगाए जाएंगे। मार्ग पर सात बड़े पुल, 26 छोटे पुल, 270 पुलिया, पांच फ्लाई ओवर, दो रेलवे ओवरब्रिज बनाए जाएंगे।
एक्सप्रेस-वे के इस भाग में सात स्थानों पर एक्सप्रेस-वे से जुड़ने के लिए इंटरचेंज दिए गए हैं। इनमें से एक इंटरचेंज जावरा के पास भूतेड़ा पर स्थित है। इस मार्ग के बनने से क्षेत्र के औद्योगिक विकास एवं अर्थव्यवस्था में सुधरेगी। इस एक्सप्रेस-वे से इंदौर उज्जैन और उज्जैन जावरा मार्ग को जोड़ा जाएगा।
मंदसौर जिले के गरोठ में ही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का जंक्शन बनाया जा रहा है। गरोठ और जावरा में लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा। बसई के पास की जमीन पर इंडस्ट्री लगाई जाएंगी। इस हाईस्पीड कारिडोर के आसपास लाजिस्टिक पार्क, इंडस्ट्रियल यूनिट, एग्रिकल्चरल प्रोडक्शन सेंटर और फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाना प्रस्तावित है।