मध्यप्रदेश में नियमितिकरण के लिए आंदोलन कर रहे अतिथि शिक्षकों की मांग पूरी होती नहीं दिख रही है। स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि नियमितिकरण क्यों होगा? अतिथि शिक्षकों का नाम क्या है 'अतिथि'। आप हमारे मेहमान बनकर आओगे तो घर पर कब्जा करोगे क्या?
इस बयान पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने स्कूल शिक्षा मंत्री को आड़े हाथ लिया है। पटवारी ने कहा- स्कूल शिक्षा मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।
दरअसल, 8 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षक नियमितिकरण समेत 5 मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने बीती 10 सितंबर को भोपाल में तिरंगा यात्रा निकालकर प्रदर्शन भी किया था। बारिश के बीच प्रदर्शन 6 घंटे तक चला था। अतिथि शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप से भी मुलाकात कर चुका है लेकिन अब तक बात नहीं बनी है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने गेस्ट टीचर्स के नियमितिकरण के सवाल पर पत्रकारों से कहा- जहां गैप है...शिक्षक कम हैं...वहां उनको लगाया जाता है। पिछले दिनों वो आए थे। हम लोगों ने बैठक की थी। उनके जो दो-तीन विषय हैं, उन पर हम लोग काम कर रहे हैं।
हमारी कोशिश होगी कि कोई अतिथि शिक्षक लगता है तो पूरे एकेडमिक सेशन में काम कराया जाए। उनके हितों की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जब विभाग ये मानता है कि अतिथि शिक्षक महत्वपूर्ण हैं तो उनको चिंता नहीं करना चाहिए।
मंत्री ने कहा- भर्ती कर लेंगे तो सैलरी कहां से देंगे स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा- वो कहते हैं कि पिछले साल 68 हजार शिक्षक थे, इस बार कम हो गए। जहां बच्चे नहीं हैं, वहां ऐसे शिक्षक पदस्थ थे। उन्हें हमने अतिशेष वाले स्कूलों में ले जाने का काम किया। एक बार युक्ति-युक्तिकरण हो जाने से 12-13 हजार शिक्षकों की कमी की पूर्ति हुई। स्वाभाविक है जहां पूर्ति हो गई, वहां अतिथि शिक्षक क्यों भर्ती करेंगे? अगर भर्ती करेंगे तो उनकी सैलरी कहां से देंगे?
सरकार और विभाग को चलाने में वित्तीय प्रबंधन और न्यायसंगत चीजों का समायोजन करना पड़ता है। चाहे शिक्षक हों, अतिथि शिक्षक हों...न्यायालयीन प्रकरण अभी पेंडिंग हैं, उनमें सरकार की तरफ से तेजी लाने के लिए हम पूरी कार्रवाई कर रहे हैं। शिक्षकों के संबंध में पूरी चिंता कर रहे हैं।
पटवारी बोले- बयान मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी
मंत्री के बयान पर पटवारी ने कहा- कब्जा क्या होता है? आप व्यवस्था के अंतर्गत अतिथि शिक्षकों को रखते हो। वे सेवाएं देते हैं। आप सेवाएं लेना चाहते हैं और बाद में अपमानित करना चाहते हो। वो भी मंत्री यानि सरकार का एक नुमाइंदा। एक मंत्री का बयान मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी होती है। मैं मानता हूं कि शिक्षा मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।
पूर्व सीएम ने किया था वादा, अब तक पूरा नहीं
10 सितंबर को भोपाल में नियमितिकरण समेत 5 मांगों को लेकर 8 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षकों ने प्रदर्शन किया था। अतिथि शिक्षक महासंघ के बैनर तले प्रदेशभर से अतिथि शिक्षक अंबेडकर मैदान में जुटे थे। यहां से वे तिरंगा यात्रा निकालकर सीएम हाउस घेरने निकले लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया था। धक्का-मुक्की के दौरान कई शिक्षक गिरकर घायल भी हो गए थे। शिक्षकों ने पुलिस पर उन्हें पीटने के आरोप लगाए थे।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने कहा था- पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो सितंबर 2023 को अतिथि शिक्षक पंचायत में अतिथि शिक्षकों को नियमित कर गुरुजी के समान वेतनमान देने की बात कही थी। यह वादा अब तक पूरा नहीं किया गया है। हमारी मांग है कि डिपार्टमेंटल एग्जाम कराकर गुरुजियों की तरह नियमित किया जाए।