डिवाइडर बना अड़ंगा
गणेश मंदिर की तरफ की साइट अब क्लियर हो चुकी है। यहां भी ट्रैफिक पुलिस ने सुरक्षित यातायात मानकों के तहत बीच में डिवाइडर बनाने के लिए कहा था। पीडब्ल्यूडी ने डिवाइडर बनाकर गणेश मंदिर की तरफ से जो वाहन चालक अरेरा कालोनी की तरफ मुड़ जाते थे। वह अब 100 मीटर दूरी से यानी वीर सावरकर सेतू का पूरा चक्कर लगाने के बाद हबीबगंज अंडरब्रिज से होकर अरेरा कलोनी, 1100 क्वार्टर पहुंच पाते हैं। पूर्व में गणेश मंदिर की तरफ से ही वाहन चालक अरेरा कालोनी वाले क्षेत्र से होकर अपने ज्ञातव्य तक आसानी से पहुंच जाते थे।
80 मीटर बचा आरईवाल का काम
गायत्री मंदिर की तरफ ब्रिज के किनारों पर बनाई जा रही आरईवाल का काम 80 मीटर का बचा हुआ है। इस काम के पूरा होने के बाद ब्रिज पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। फिलहाल ब्रिज का यही हिस्सा है, जहां निर्माण कार्य लंबे समय से जारी है। ज्ञात हो कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारी पहले कोलार पाइप लाइन का हवाला देकर इस काम में देरी की बात कह रहे थे, लेकिन पाइप लाइन को हटे हुए काफी समय हो चुका है, लेकिन अभी तक यहां आरईवाल का काम पूरा नहीं हुआ।
नियंत्रित रफ्तार से चलेंगे वाहन
गुरुवार को ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी और मैनिट के एक्सपर्ट सिद्धार्थ रोकड़े ने ब्रिज पर यातायात मानकों का जायजा लिया था। इस दौरान ब्रिज पर जगह-जगह लगाए गए ट्रैफिक पुलिस के संकेत उन्होंने देखे। सिद्धार्थ रोकड़े ने बताया कि ब्रिज पर टू व्हीलर की स्पीड अधिकतम 60 और जंक्शन पर न्यूनतम गति 30 की रहेगी।
ब्रिज का निरीक्षण किया है, भोपाल हाट की तरफ से ब्रिज से नीचे उतरने वाले ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए वहां बड़ी रोटरी की अनुशंसा की है। सुरक्षित यातायात के लिए ब्रिज का शुरुआती हिस्से को तोड़ने की भी अनुशंसा की है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को इस बारे में बताया गया है।
- सिद्धार्थ रोकड़े, प्रोफेसर, मैनिट
ट्रैफिक पुलिस ने मैनिट के एक्सपर्ट के साथ ब्रिज का निरीक्षण किया था। उन्होंने कुछ बातें बताई हैं उस आधार पर काम होगा। यह फिलहाल नहीं बता सकते कि ब्रिज का शुभारंभ कब होगा।
- जावेद शकील, सहायक यंत्री, पीडब्ल्यूडी, भोपाल