पंजाब के एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा कि सरकार और पुलिस अफसर बड़े ऐलान तो करते हैं लेकिन चीजों को जमीन पर उतारने के लिए कुछ नहीं होता है। यही वजह है कि डकैतों को काबू नहीं किया जा सका है। शाहिद लुंड और अन्य को वह हाल ही में उभरे डकैतों में गिन रहे हैं। उनका कहना है कि ये लोग हाल में हुए पुलिस हमले के बाद चर्चा में आए। उन्होंने कच्चे डकैतों को छोटे, आदिवासी और राजनीतिक रूप से संबद्ध समूहों के रूप में काम करने वाला बताया, जिनके पास केंद्रीकृत नेतृत्व या एकीकृत संगठन का अभाव है।