मौजूदा स्थिति में गभावस्था के दौरान सेहतमंद व सुरक्षित रहने के लिए सुझाव
नई दिल्ली / सोशल डिस्टैंसिंग एवं घर पर बने रहना मौजूदा समय की सामान्य जीवनशैली बन चुका है, जिसने हमारे जीने का तरीका बदल दिया हैहम सभी नई जीवनशैली के अनुरूप ढल रहे हैं, लेकिन यह समय गर्भवती महिला के लिए बहुत तनावपूर्ण है क्योंकि उनके मन में अनेक प्रकार के भ्रामक विचार आते हैं कि इस स्थिति से बाहर कैसे निकला जाए।
गर्भवती महिलाओं को गर्भ के दौरान मार्गदर्शन देने के लिए डॉक्टर प्रतिभा बबशेत, आयुर्वेद विशेषज्ञ, आरएंडडी, हिमालया ड्रग कंपनी ने कहा, "जितना ज्यादा हो सके, आप अपने घर पर ही रहेंभीड़ वाले स्थानों से बचें और सोशल डिस्टैंसिंग एवं हाईजीन के दिशानिर्देशों का पालन करें। इसके साथ ही सबसे अच्छी चीज जो आप कर सकते हैं, वो है कि आप सकारात्मक रहकर उन विधियों का अभ्यास करें, जिनसे आप व आपके शिशु की सेहत सुनिश्चित हो सके। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखकर और शांत मन रखकर किया जा सकता है।"
डॉ. प्रतिभा ने यह भी बताया कि गर्भावस्था के दौरान स्किनकेयर कैसे की जाए क्योंकि इससे मन व शरीर को तरोताजा कर मूड को बेहतर बनाया जा सकता है। "गर्भावस्था के दौरान त्वचा की आम समस्याओं को दूर करने के लिए मालिश व मॉईस्चुराईजेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल करेंमसाज ऑईल से सुकूनभरी मसाज करें, इससे रक्त का संचरण बेहतर बनेगा। आप ड्राई स्किन की समस्याओं को दूर करने के लिए बॉडी बटर का उपयोग कर सकती हैं। चाहे आपकी दिनचर्या कोई भी क्यों न हो, आप ऐसे उत्पादों का उपयोग करें, जिनमें हर्बल एक्टिव्स हों और जो कैमिकल्स से रहित हों।"
इस स्थिति में माताओं को गतिविधियों की एक दिनचर्या बनानी चाहिए। डॉक्टर प्रतिभा ने कहा, "आहार, ध्यान एवं योग से लेकर स्किन केयर, पर्याप्त नींद एवं नियमित तौर पर मेडिकल चेकअप कराने तक हर उस काम की सूची बनाएं, जो आप दिन में करती हैं और फिर उसकी प्राथमिकता तय करें।" डॉक्टर प्रतिभा ने कहा, "गर्भावस्था के दौरान बार बार जाँच मां और शिशु के लिए बहुत आवश्यक है। इसलिए अपनी डॉक्टर से ऑनलाईन चेकअप कराने के बारे में पूछेयदि आपकी डिलीवरी होने वाली है, तो डिलीवरी के विकल्पों एवं पोस्ट नैटल केयर को समझें व उनके प्रति स्वतंत्र विचार रखें। यदि आपको काम या फिर चेकअप के लिए बाहर जाना पड़ता है, तो सोशल डिस्टैंसिंग बनाए रखें और मास्क पहनकर ही बाहर जाएं तथा अपने साथ सैनिटाईजर रखें। इससे जर्स व बैक्टीरिया के संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा।'
तनाव को नियंत्रित करने के लिए टिप्स देते हुए डॉक्टर प्रतिभा माताओं को खुद को शांत रखने के लिए प्राणायाम करने का सुझाव देती हैं। वो उन्हें अपने पुराने व नए शौक पूरे करने का सुझाव देती हैं। सेहतमंद आहार पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है क्योंकि शिशु को पोषण उसी से मिलता है, जो मां खाती है। इसलिए फल व सब्जियों सहित संतुलित आहार लें, कम से कम 8 से 10 ग्लास पानी पियें। यदि आपको खाना पकाना पसंद है, तो सेहतमंद प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए ऑनलाईन रेसिपी देखें