वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री रामनिवास रावत ने वन भवन में वन प्रबंधन समितियों को प्राप्त लाभांश की 20 प्रतिशत राशि से विकास कार्य करने के कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के वनों के विकास एवं संरक्षण के लिये वनकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है। वन मंत्री ने कहा कि संयुक्त वन प्रबंधन समितियों का सम्मेलन एवं प्रदर्शनी के आयोजन के साथ-साथ समितियों के सदस्यों और वन विभाग के बीच सामंजस्य स्थापित करने के उद्देश्य से खेलकूद आयोजन कर इस मद से खेल सामग्री भी क्रय की जाये। वन मंत्री ने कहा कि संयुक्त वन प्रबंधन से संबद्ध वनकर्मियों के आवास, ट्रेनिंग, अधिकारी-कर्मचारियों के बच्चों के लिये हॉस्टल निर्माण, समितियों के सशक्तिकरण के लिये अधोसंरचना का विकास और सामुदायिक भवन का निर्माण गुणवत्तापूर्वक किया जाये।
वन मंत्री श्री रावत ने कहा कि लाभांश की राशि से संयुक्त वन प्रबंधन समितियों में ऊर्जा के वैकल्पिक संसाधन के लिये सौर ऊर्जा लैम्प, स्ट्रीट लाइट, सोलर कुकर, अन्य वैकल्पिक स्रोत, एलपीजी गैस सिलेण्डर चूल्हा के साथ आजीविका के संसाधनों एवं स्वास्थ्यवर्द्धक कार्यों, समिति के सदस्यों एवं उनके बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित कार्य किये जायें, जिसमें शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, स्वास्थ्य शिविर, स्कूली बच्चों एवं कॉलेज के विद्यार्थियों की शिक्षा के लिये अन्य आवश्यक व्यवस्थाएँ की जायें। मंत्री श्री रावत ने लाभांश की 20 प्रतिशत राशि से कराये जाने वाले विकास कार्यों के वन मण्डलवार राशि के प्रस्ताव का बैठक में अनुमोदन किया। मंत्री श्री रावत ने वन भवन में मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम के विभागीय कार्यों को भी स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल, मुख्य वन संरक्षक, वन बल प्रमुख श्री असीम श्रीवास्तव एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।