केंद्रीय राज्य मंत्री और केरल के जॉर्ज कुरियन ने नामांकन दाखिल कर दिया है। विधानसभा में इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सुरेश पचौरी, फग्गन सिंह कुलस्ते, राजेंद्र शुक्ल, तुलसी सिलावट, राव उदय प्रताप सिंह मौजूद थे। भाजपा ने मंगलवार को कुरियन के नाम की घोषणा की थी। नामांकन का आज आखिरी दिन है।
विधानसभा में बीजेपी का बहुमत देखते हुए कुरियन का राज्यसभा मे निर्विरोध जाना तय है। वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा सांसद बनने से खाली हुई सीट पर प्रत्याशी बने हैं। इस सीट पर अप्रैल तक 2026 तक का कार्यकाल बचा हुआ है।
केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन आज सुबह विशेष विमान से भोपाल आए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वीडी शर्मा के साथ कुरियन मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलने उनके निवास पर पहुंचे। यहां से वे सीएम के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे और नामांकन फॉर्म की ओपचारिकताएं पूरी की। मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्री प्रस्तावक के तौर पर नामांकन पर हस्ताक्षर किए।
निर्विरोध चुने जाएंगे
कुरियन मध्यप्रदेश से पहले क्रिश्चियन सांसद होंगे। कांग्रेस के पास राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए संख्याबल नहीं हैं। ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इसलिए जॉर्ज निर्विरोध चुने जाएंगे।
4 महीने में MP से राज्यसभा जाने वाले दूसरे बाहरी सांसद होंगे कुरियन
बीजेपी के कब्जे वाली सीट पर जॉर्ज कुरियन जून 2026 तक के लिए राज्यसभा जाएंगे। कुरियन चार महीने के अंदर मध्यप्रदेश से राज्यसभा जाने वाले दूसरे बाहरी सांसद होंगे। इसी साल अप्रैल महीने में तमिलनाडु बीजेपी के नेता एल मुरुगन भी एमपी से राज्यसभा सांसद निर्वाचित हुए थे।
अंर्तकलह से बचने स्थानीय की बजाय बाहरी का चयन हुआ
पिछले पांच सालों में कांग्रेस के कई दिग्गजों ने बीजेपी जॉइन की और सीधे सरकार में शामिल होकर पद पाया और पावरफुल हो गए। कांग्रेसियों को अचानक मिले पावर से बीजेपी के कई दिग्गजों में नाराजगी देखी गई। हाल ही में विजयपुर से कांग्रेस के छह बार के विधायक राम निवास रावत ने बीजेपी जॉइन की और मोहन कैबिनेट में मंत्री बन गए।
इसके बाद कई सीनियर विधायकों और नेताओं ने नाराजगी जताई। राज्यसभा के दावेदारों में कांग्रेस से बीजेपी में आए पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी का नाम भी था। राम निवास के बाद पचौरी को लेकर पार्टी में अंदरखाने विरोध के सुर उठने की आशंका थी। ऐसे में फैसला केन्द्रीय नेतृत्व पर छोड दिया गया।
पूर्व विधायक चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी, बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष कांतदेव सिंह और प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल के नामों पर भी विचार हुआ। लेकिन, राष्ट्रीय नेतृत्व ने केरल के बीजेपी नेता और केंद्र में मंत्री जॉर्ज कुरियन पर दांव लगा दिया।