बीजिंग: चीन और अमेरिका एक दूसरे के विरोधी हैं। लेकिन फिर भी दोनों देशों की सेनाएं आपस में मिलिट्री एक्सरसाइज कर रही हैं। अमेरिका और चीन ने पहली बार ब्राजीलियाई सशस्त्र बलों के नेतृत्व में संयुक्त सैन्य अभ्यास ऑपरेशन फॉर्मोसा में भाग लेने के लिए अपने सैनिकों को भेजा है। पिछले साल ऑपरेशन फॉर्मोसा में दक्षिणी कमान के अमेरिकी सैनिकों ने हिस्सा लिया था। जबकि चीन ने पर्यवेक्षक के रूप में हिस्सा लिया था। 1998 से आयोजित किया जा रहा ऑपरेशन फॉर्मोसा लैटिन अमेरिका के सबसे बड़े सैन्य अभ्यासों में से एक है। हालांकि यह पहली बार है जब चीन और अमेरिका दोनों ने अपने सैनिकों को इसमें हिस्सा लेने के लिए भेजा है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ब्राजीलियाई सेना के प्रवक्ता ने कहा कि चीनी नौसेना के 33 और अमेरिकी नौसेना के 54 लोग इस साल ऑपरेशन फॉर्मोसा में हिस्सा ले रहे हैं। यह अगले मंगलवार तक जारी रहेगा। ब्राजील के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अर्जेंटीना, फ्रांस, इटली, मैक्सिको, नाइजीरिया, पाकिस्तान, कांगो गणराज्य और दक्षिण अफ्रीका के सैनिकों समेत लगभग 3000 सैन्यकर्मी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। ब्राजील की नौसेना ने कहा कि इन अभ्यासों में हिस्सा लेने के लिए मित्र राष्ट्रों को आमंत्रित करने की प्रथा है।
चीन और अमेरिका का पहले भी हुआ अभ्यास
चीन और अमेरिकी सेना के बीच 2016 के बाद से कोई भी संयुक्त सैन्य अभ्यास नहीं हुआ है। तब अमेरिका ने चीन को रिम ऑफ द पैसिफिक एक्सरसाइज के लिए आमंत्रित किया था। इसे रिमपैक भी कहा जाता है। इस अभ्यास में शामिल होने के लिए चीन ने पांच युद्धपोत और लगभग 1200 सैनिकों को भेजा था। हालांकि बाद में चीन को अमेरिका ने इस एक्सरसाइज में बुलाना बंद कर दिया।
इस साल भी चीन को नहीं बुलाया
हाल ही में रिमपैक इस साल जुलाई में आयोजित किया गया था। इस साल भी चीन इसका हिस्सा नहीं था। इस साल ऑपरेशन फॉर्मोसा में बीजिंग का हिस्सा लेना चीन और ब्राजील के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ाने वाला कदम है। 2015 में ब्राजील में चीनी सैनिकों ने ब्राजील के जंगल वारफेयर प्रशिक्षण केंद्र में हिस्सा लिया था। इस बीच चीन के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन और अमेरिका के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने मंगलवार को एक वीडियो कॉल में आम चिंता से जुड़े मुद्दे पर बातचीत की।