भोपाल । शहर में मेट्रो रेल कारपोरेशन का पर्पल कारिडोर के सिविल वर्क को पूरा करने का काम जोरशोर के साथ चल रहा है। राज्य सरकार ने राजधानी में मेट्रो ट्रेन दौडाने का लक्ष्य वर्ष 2024 तक तय किया है। इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। दिलीप बिल्डकान लिमिटेड ने भोपाल मेट्रो फेज-1 प्रोजेक्ट के 6.225 किलोमीटर सुभाष नगर से एम्स तक 187 पिलर डालने का काम पूरा कर लिया है।
वहीं, गर्डर पर अब पैराफिट वाल बनाने का काम भी किया जा रहा है। बता दें कि परियोजना का पहला खंड नवंबर 2019 में डाला गया था। पैकेज-1 भोपाल मेट्रो की 14.99 किमी लाइन -2 (करोंद सर्कल-एम्स) का पहला खंड है, जिसके लिए दिलीप बिल्डकान कंपनी ने 2019 की शुरुआत में ठेका लेकर काम शुरू किया था। अक्टूबर 2018 में मध्य "प्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड (एमपीएमआरसीएल) द्वारा यह ठेका27 महीने की समय सीमा के साथ दिया गया। ज्ञात हो कि भोपाल में पर्पल कारिडोर (एम्स से करोंद तक, लाइन-2) के तहत एम्स से सुभाष नगर तक एलीवेटेड रूट का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि पर्पल कारिडोर के तहत एम्स से करोंद तक 14.99 किमी लंबे रूट पर मेट्रो का संचालन किया जाना है। भोपाल में अगले तीन साल में दो रूट पर मेट्रो रेल का संचालन शुरू किया जाएगा। इसमें पहला रूट 14.19 और दूसरा रूट 12.88 किलोमीटर का होगा। इस बारे में दिलीप बिल्डकान लिमिटेड कंपनी वरिष्ठ प्रबंधक (उपयोगिता) मनीष शर्मा का कहना है कि सुभाष नगर से एम्स शक्ति नगर तक 187 पिलर बनाने का काम पूरा किया जा चुका है। बीते दिनों आजाद नगर क्षेत्र को खाली कराया गया था, अभी वहां पिलर बनाने का काम शुरू किया गया है। दूसरे चरण में कितने पिलर बनेंगे, इसका अभी पता नहीं है, क्योंकि काम के दौरान कुछ बदलाव आते हैं। ऐसे में पिलरों की संख्या कम व अधिक होती है।
मेट्रो के स्टेशन बनाने का काम अलग कंपनी करेगी। बता दें कि मेट्रो के इस सात किलोमीटर लंबे रूट में करीब आठ स्टेशन बनाने के लिए 426 करोड़ रुपये का टेंडर किया गया है। इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक का पालन होगा। मेट्रो के स्टेशन सुभाष नगर अंडरब्रिज के पास, सेंट्रल स्कूल, एमपी नगर, सरगम टाकीज, हबीबगंज स्टेशन, अलकापुरी और एम्स में बनाए जाएंगे। सूत्रों की मानें तो वर्तमान में इंदौर मेट्रो और भोपाल मेट्रो के संयुक्त 156 कोच रोलिंग स्टाक अनुबंध के लिए बोली चल रही है। भोपाल की पर्पल लाइन में 42 कोच, भोपाल की रेड लाइन में 39 कोच एवं इंदौर की येलो लाइन में 75 कोच होंगे। इनके लिए तकनीकी बोलियां 11 फरवरी को खोले जाने की योजना है।