भोपाल । राजधानी में सोमवार को 610 नए कोरोना मरीज मिले हैं। कुल 4548 सैंपलों की जांच में इतने मरीज मिले हैं। इस तरह संक्रमण दर 13.41 प्रतिशत रही। भोपाल में भी रोज मिलने वाले कोरोना मरीजों का आंकड़ा लगातार घटता जा रहा है। सोमवार को भोपाल में कोरोना के एक मरीज की मौत भी हुई। भोपाल में कोरोना के फिलहाल 7452 सक्रिय मरीज हैं। राहत की बात यह है कि इनमें से 7336 मरीज होम आइसोलेशन में रहते हुए अपना इलाज करवा रहे हैं। 116 मरीज निजी व सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं।
भोपाल में कोरोना के अब तक कुल 166975 मरीज मिल चुके हैं। उधर प्रदेश में रैपिड टेस्ट में कोरोना की संक्रमण दर यानी जांचे गए सैंपलों में पाजिटिव का प्रतिशत दो से नीचे है, जबकि रैपिड और आरटी-पीसीआर मिलाकर हर दिन की संक्रमण दर छह प्रतिशत से ऊपर है। रैपिड किट से पाजिटिविटी रेट तीन गुना तक कम होने के बाद भी प्रदेश में हर दिन छह हजार से ज्यादा सैंपल रैपिड एंटीजन किट से जांचे जा रहे हैं। आरटीपीसीआर सैंपल जांचने के लिए लैब की क्षमता पर्याप्त नहीं होने की वजह से रैपिड सैंपल लिए जा रहे हैं। हालांकि, महीने भर पहले के मुकाबले रैपिड सैंपलों में कमी आई है। नवंबर में दोनों तरह के मिलाकर प्रदेश में हर दिन 50 हजार से 60 हजार सैंपलों की जांच की जा रही थी। इनमें 20 हजार से ज्यादा सैंपल रैपिड किट वाले होते थे।
तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 29 नवंबर को समीक्षा बैठक की थी। इसमें उन्होंने सभी सैंपल आरटीपीसीआर से जांचने के लिए कहा था। इसके बाद रैपिड किट से जांच के खातिर लिए जाने वाले सैंपल घटाकर रोजाना करीब 15 हजार कर दिए गए। जनवरी और फरवरी में यह आंकड़ा 10 हजार से नीचे है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की अपर संचालक डा. वीणा सिन्हा ने बताया कि रैपिड किट से जांच के पूरी तरह से मनाही न तो भारत सरकार से है और न ही प्रदेश में इस तरह की गाइडलाइन जारी की गई है। हां, यह जरूर कहा गया है कि ज्यादा से ज्यादा सैंपलों की जांच आरटीपीसीआर से की जाए।