भोपाल। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर से रेप के बाद नृशंस हत्या के विरोध में देशभर में डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं। भोपाल में एम्स के रेसिडेंट डॉक्टर्स पिछले चार दिन से हड़ताल पर हैं। अब इनके समर्थन में हमीदिया अस्पताल के डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं।काली पट्टी बांधकर जताया था विरोध
गुरुवार रात 12 बजे से गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमएसी) के 250 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर (जूडा) ने काम बंद कर दिया। हड़ताल के दौरान जूनियर डॉक्टर्स सिर्फ इमरजेंसी में सेवाएं देंगे, ताकि मरीजों के इलाज में परेशानी न हो। इसके अलावा ओपीडी समते अन्य विभागों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल रहेगी। इससे पहले डॉक्टरों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया था। इसके अलावा 12 अगस्त को जीएमसी में डॉक्टरों ने कैंडल मार्च भी निकाला था।
ये हैं डॉक्टरों की मांग
डॉक्टरों का कहना है कि कोलकाता में हुई घटना बेहद दुखद और परेशान करने वाली है। हमारी मांग है कि मृतका के स्वजन को पर्याप्त मुआवजा मिले। घटना की निष्पक्ष, पारदर्शी जांच की हो और दोषियों को कड़ा दंड मिले। इसके अलावा हम डॉक्टरों के लिए उचित सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ सभी डॉक्टरों के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम को लागू करने की मांग करते हैं।
डॉक्टरों की छुटि्टयां कैंसल
इधर, जूडा की हड़ताल को देखते हुए जीएमसी के डीन डॉ. एन सिंह ने सभी डॉक्टरों की छुटि्टयां कैंसल कर दी हैं। इसके साथ ही मेडिकल टीचर्स को इमरजेंसी, ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर, वार्ड में तैनात करने के निर्देश सभी विभागों के प्रभारियों को दिए हैं। जरूरत पड़ने पर अस्पताल में मेडिकल इंटर्न को भी तैनात किया जा सकता है।