नई दिल्ली: दुनिया के कई देशों में लोग अपने पुराने कपड़ों को एक खास जगह पर छोड़ देते हैं ताकि जरूरतमंद उनका यूज कर सकें। भारत में भी नेकी की दीवार का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इसमें लोग अपने पुराने कपड़े छोड़ जाते हैं और जरूरतमंद लोग उन्हें इस्तेमाल करते हैं। साथ ही पुराने कपड़ों को बेचा भी जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि किसी और के पहने यानी सेकंड हैंड कपड़े खरीदने के मामले में कई विकसित देश भारत जैसे विकासशील देश से कहीं आगे हैं। Statista Consumer Insights के आंकड़ों के मुताबिक इस लिस्ट में फिनलैंड पहले नंबर पर है। एक सर्वे के मुताबिक इस देश में 33 फीसदी लोगों का कहना है कि पिछले एक साल के दौरान उन्होंने सेकंड हैंड कपड़े खरीदे।
इसी तरह यूरोपीय देश पोलैंड में भी 33 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले 12 महीनों को दौरान उन्होंने प्री-ऑन्ड कपड़ों की खरीदारी की। स्वीडन दुनिया में कई सूचकांकों में पहले नंबर पर है। लेकिन इस देश में सर्वे में शामिल 30 फीसदी लोगों ने पिछले एक साल के दौरान पुराने कपड़े खरीदे। दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी अमेरिका में 30 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने सेकंड हैंड कपड़े खरीदे हैं। अगला नंबर फ्रांस और यूके का है। दुनिया की टॉप इकॉनमीज में शामिल इन देशों में 29% लोगों ने पुराने कपड़े खरीदने की बात स्वीकार की है।
भारत का हाल
दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही इकॉनमी भारत में सर्वे में शामिल हुए लोगों में से 24 फीसदी ने कहा कि उन्होंने पिछले एक साल दौरान सेकंड हैंड कपड़े खरीदे। इस लिस्ट में अगला नंबर जर्मनी का है। दुनिया की तीसरी और यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी में 21 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान उन्होंने सेकंड हैंड कपड़े खरीदे। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश चीन में 12 फीसदी लोगों ने दूसरों के पहने हुए कपड़ों को पहनने की बात कही है। जापान और साउथ कोरिया में 10-10 फीसदी लोगों ने सेकंड हैंड कपड़े खरीदने की बात स्वीकार की है।